अमेरिका के ह्यूस्टन में एनर्जी सेक्टर के CEOs से मिले PM मोदी, ‘हाउडी मोदी’ के लिए ‘हाई’ है जोश

ह्यूस्टन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी राज्य टेक्सास के सबसे बड़े शहर ह्यूस्टन पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ। इसके बाद पीएम ने अमेरिका की एनर्जी सिटी कहे जाने वाले इस शहर में ऊर्जा क्षेत्र के CEOs के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसका उद्देश्य ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को विस्तार देने का था। प्रधानमंत्री मोदी एक हफ्ते के अमेरिका दौरे पर हैं और इस दौरान वह कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

ह्यूस्टन पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

मोदी ने ट्वीट किया, ‘हाउडी ह्यूस्टन’
ह्यूस्टन के जार्ज बुश इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘हाउडी ह्यूस्टन! यहां ह्यूस्टन में दोपहर है। आज और कल इस गतिशील और ऊर्जावान शहर में कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला को लेकर उत्सुक हूं।’ भारत में अमेरिकी दूत केनेथ जस्टर, अमेरिका में भारतीय दूत हर्षवर्द्धन श्रृंगला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। अगले 24 घंटे में ह्यूस्टन में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकी समुदाय और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
एक मंच पर आकर इतिहास बनाएंगे मोदी-ट्रंप
अमेरिका रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान में कहा था कि ह्यूस्टन के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दिखाया गया विशेष भाव भारत और अमेरिका के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है। यह संबंधों की मजबूती को दर्शाता है तथा अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था में भारतीय समुदाय के योगदान को प्रदर्शित करता है।
ह्यूस्टन के बाद न्यूयॉर्क रवाना होंगे पीएम मोदी
ह्यूस्टन के बाद मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे जहां वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करेंगे। मोदी मंगलवार को ट्रंप से न्यूयार्क में मिलेंगे। पिछले चार महीने में दोनों नेताओं की यह चौथी बैठक होगी। न्यूयार्क की बैठक से आगामी वर्षों के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होने की संभावना है। उम्मीद है कि दोनों नेता बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार विवाद के समाधान के प्रयास, रक्षा और ऊर्जा समझौते और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।

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