मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे वीर सावरकर, सरकार का बड़ा ऐलान

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए वीर सावरकर की जीवनी को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने देश के स्कूली पाठ्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने भारत के सच्चे क्रांतिकारियों के बारे में नहीं पढ़ाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सच्चे नायकों की जीवनियां शामिल करेंगे और नए पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, भगवद गीता संदेश, भगवान परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और अन्य शामिल होंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केंद्रित शिक्षा पर काम कर रही है। अब देश के लिए काम करने वाले ही देश के हीरो बनेंगे और विद्यार्थियों को स्कूली पाठ्यक्रम के जरिए इन शख्सियतों के बारे में पता चलेगा। परमार ने कहा, इसलिए हम नए पाठ्यक्रम में कई महापुरुषों की जीवनियां जोड़ेंगे। उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे सावरकर को शामिल करना चाहते हैं। उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी और उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करना स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।

यूपी सरकार ने भी लिया है बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (उप्र बोर्ड) ने नौवीं से 12वीं तक की कक्षा के नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर, छत्रपति शिवाजी, बिरसा मुंडा सहित 50 महापुरुषों की जीवनगाथा शामिल की है। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने ‘वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक’ का नाम बदल कर हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर और ‘मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक’ (एमटीएचएल) का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वर्सोवा बांद्रा सी लिंक को स्वातंत्र्यवीर सावरकर सागरी सेतु और एमटीएचएल को अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति शिवडी-न्हावा शेवा अटल सेतु के नाम से जाना जाएगा।

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