अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया,’मन की बात’ में बोलेPM मोदी

Man Ki Bat:अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया,'मन की बात' में बोलेPM मोदी

New Delhi: 2024 की पहली ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम…देश के अनेक लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई…”

कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि अमृतकाल में नई उमंग है, नई तरंग है। इस साल संविधान के भी 75 वर्ष हुए और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष पूरे। उन्होंने कहा कि संविधान के मूल प्रति के तीसरे अध्याय में लोगों के मूल अधिकारों का वर्णन किया गया है। दिलचस्प बात ये है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के चित्रों को स्थान दिया गया है। संविधान निर्माताओं के लिए भी ये प्रेरणा का स्रोत था।

नारी शक्ति ने गणतंत्र दिवस को बनाया खास

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी अपील पर मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक लोगों ने श्रद्धा भाव से धार्मिक स्थानों की सफाई की, ये भावना रुकनी नहीं चाहिए। सामूहिकता की यही शक्ति देश को सफलती की नई ऊचाई पर पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की परेड बहुत अद्भूत रही। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा नारी शक्ति की हुई। सभी झाकियों में महिला कलाकार शामिल थीं। डीआरडीओ की झांकी ने भी सभी का ध्यान खींचा, जिसमें दिखाया गया कि कैसे नारी शक्ति हर क्षेत्र में देश की सुरक्षा कर रही है। 21 वीं सदी का भारत ऐसे ही मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।

पद्म पुरष्कार पाने वालें लोगों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तीन दिन पहले ही पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। इसमें ऐसे लोगों का नाम था, जिन्होंने जमीन से जुड़कर काम किया है। मीडिया की हेडलाइन से दूर, ये लोग बिना किसी लाइमलाइट के समाज सेवा में जुटे थे। पहले इन लोगों के बारे में शायद ही देखने को मिला, लेकिन अब पद्म सम्मान घोषित होने के बाद लोग इन लोगों के बारे में जानने के लिए ज्यादा से ज्यादा उत्सुक है। इसमें 30 महिलाएं हैं, जो जमीनी स्तर पर अपने कार्यों से देश और समाज को आगे ले जा रही हैं। पिछले एक दशक में पद्य सम्मान देने का सिस्टम पूरी तरह से बदल गया है। लोगों के पास खुद को भी नॉमिनेट करने का ऑप्शन दिया गया है। इससे साल 2014 के बाद से अब तक 28 प्रतिशत अधिक नॉमिनेशन प्राप्त हुए हैं।

अंगदान करने से बच सकती है किसी की जिंदगी

पीएम मोदी ने अंगदान को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे बीच कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो जीवन के बाद भी समाज के दायित्वों को निभाते हैं। ये लोग अंगदान करके अपना दायित्व निभाते हैं। ये निर्णय आसान नहीं होता है, लेकिन ये निर्णय कई जिंदगियों को बचाने के लिए लिया जाता है। आज देश में कई संगठन भी इस दिशा में प्रेरक प्रयास कर रहे हैं। ऐसे प्रयासों से सकारात्मक माहौल बन रहा है और लोगों की जिंदगियां भी बच रही हैं।

आयूष विभाग ने हासिल की बड़ी उपलब्धि

आपमें से कई लोग होंगे जिन्हें इलाज के लिए आयुर्वेद, युनानी या सिद्ध की पद्धति से मदद से मिलती है, लेकिन जब दूसरे डॉक्टर के पास जाते हैं तो हर डॉक्टर अपने हिसाब ने बीमारी का नाम और इलाज लिखता है, लेकिन आयूष विभाग ने अब इसका समाधान खोज लिया है। साथ ही आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी पद्धति की शब्दावली की कोडिंग कर दी गई है। इसकी मदद से अब सभी डॉक्टर एक जैसी भाषा लिखेंगे। इसका फायदा ये होगा कि अगर एक पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो उसे समझने में आसानी होगी। उन लोगों को भी फायदा होगा जो रिसर्च के काम से जुड़े हैं। साथ ही दूसरे देशों के वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी। इससे ये चिकित्सा पद्धति और बेहतर परिणाम देगी।

छत्तीसगढ़ के रेडियो कार्यक्रम की चर्चा

पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम को एक दशक पुराना हो चुका है। रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसढ़ में पिछले सात सालों से रेडियो पर ‘हमर हाथी हमर गोठ’ कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है। छत्तीसगढ़ के चार रेडियो स्टेशनों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से इसका प्रसारण होता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जंगल और आस-पास के लोग बड़े ध्यान से इसे सुनते हैं। इसमें यह बताया जाता है कि हाथियों का झुंड किस इलाके से गुजर रहा है। कार्यक्रम के जरिए इसका पता चलने पर लोग सावधान हो जाते हैं। छत्तीसगढ़ के लोगों के इस अनुभव का लाभ देश के अन्य जगहों के लोग भी उठा सकते हैं।

नेशनल वोटर्स डे पर पीएम ने की अपील

नेशनल वोटर्स डे के बारे में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में 25 जनवरी को हम सभी ने नेशनल वोटर्स डे मनाया है। देश में आज मतदान केंद्रों की संख्या साढ़े 10 लाख हो गई है। चुनाव आयोग ऐसे स्थानों पर भी पोलिंग बूथ बनवाता है, जहां सिर्फ एक वोटर होता है। चुनाव आयोग के इन प्रयासों के लिए मैं इनकी सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि उत्साह की बात ये भी है कि जहां सभी देशों में वोटिंग प्रतिशत घट रहा है, वहीं भारत में वोटिंग प्रतिशत बढ़ रहा है। ना सिर्फ वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि टर्नआउट भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं में जागरुकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक रूप से भी कई प्रयास हुए है। साथ ही पहले बार वोट देने वाले लोगों से पीएम मोदी ने अपील की है कि ये लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम जरूर जुड़वाएं। उन्होंने कहा कि आपका एक वोट देश का भाग्य बदल सकता है।

लाला लाजपत राय और केएम करियप्पा को किया याद

पीएम मोदी ने आज भारत की दो महान विभूतियों की जयंती पर भी उन्हें याद किया। पहले उन्होंने पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि विदेशी शासन से मुक्ति दिलाने के लिए लाला लाजपत राय ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वो बहुत दूरदर्शी थे। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पंजाब नेशनल बैंक और कई अन्य संस्थाओं के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके विचारों ने भगत सिंह को भी बहुत प्रभावित किया था। इसके अलावा पीएम मोदी ने फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को भी याद किया। उन्होंने कहा कि हमारी सेना को शक्तिशाली बनाने में उनका महत्वपुर्ण योगदान है।

खेलों और खिलाड़ियों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज खेलों की दुनिया में आग बढ़ने के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिले। इसी सोच को लेकर नए-नए टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। मुझे खुशी है कि आज भारत में लगातार ऐसे प्लेटफार्म तैयार हो रहे हैं, जिनमें खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दीव में भी इस साल बीच गेम्स का आयोजन किया गया। इसमें कई प्रकार के खेलों का आयोजन कराया गया। हर प्रतियोगी को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट में कई खिलाड़ी ऐसे भी आए जिनका समुंद्र से कोई रिश्ता नहीं, फिर भी वो सबसे ज्यादा मेडल जीतकर ले गए।

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