मणिपुर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 3 पूर्व जजों की कमेटी

New Delhi: मणिपुर मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक पूर्व आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करेंगे. यह एक और लेयर होगी जो सीबीआई जांच की निगरानी देखेगी. महिलाओं से जुड़े अपराध वाली 11 FIR की जांच CBI करेगी. इसकी निगरानी पूर्व IPS अधिकारी दत्तात्रेय पदसालगिकर करेंगे. साथ ही राज्य में गठित 42 एसआईटी कि जांच की निगरानी भी करेंगे. इन एसआईटी का नेतृत्व एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. इसमें हर एक एसआईटी से एक पुलिस निरीक्षक अन्य राज्य से रखा जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन एसआईटी की निगरानी के लिए 6 डीआईजी स्तर के अधिकारी होंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 3 जजों की कमेटी का गठन किया जो पुनर्वास, मुआवजा, पूरे मामले पर निगरानी इत्यादि का काम देखेगी. गठित समिति में पूर्व हाईकोर्ट के जज जस्टिस गीता मित्तल, जस्टिस शालिनी जोशी, जस्टिस आशा मेनन होंगी. वहीं, जस्टिस गीता मित्तल समिति की अध्यक्षता करेंगी.

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई है, जो कोर्ट के सामने है. महीने के हिसाब से स्थितियों का ब्योरा दिया गया है. यह भी स्पष्ट है कि किस तरह से कदम उठाए गए हैं. हमें सावधान रहना होगा. सरकार इसे बहुत ही परिपक्व स्तर पर संभाल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षकारों को इसकी प्रति मुहैया करावाई जाए.

वहीं, अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सभी अपराध के मामलों का अलग-अलग ब्योरा दिया गया है. तीन एसआईटी का गठन किया गया है. खुद डीजीपी पूरे मामले को सुपरवाइज करेंगे. 6 एसआईटी का गठन सभी जिलों के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साप्ताहिक निगरानी आईजी और पंद्रह दिनों में डीजी द्वारा मामले को देखा जाएगा.

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