Rubbed his eyes: इस लड़के ने अपनी आंखों को इतना रगड़ा, कार्निया का करवाना पड़ा ट्रांसप्लांट
Rubbed his eyes: अक्सर आंखों में कुछ पड़ जाने पर या धूल- मिट्टी के प्रभाव में आने से आपने बहुतों को अपनी आंख रगड़ते देखा होगा. लेकिन आंख रगड़ने से किसी को अपनी कार्निया बदलवाना पड़ा, यह पहली बार सुना है. जी हां हम बात कर रहे हैं,21 वर्षीय मलेशियाई व्यक्ति मुहम्मद ज़बीदी की, जिन्होंने अपनी आंख रगड़ने की वजह से कार्निया बदलवानी पड़ी.
Rubbed his eyes: बचपन से थी आदत
ज़बीदी को बचपन से ही अपनी आंखों को रगड़ने की आदत थी. वो तब तक अपनी आंखों को रगड़ते थे,जब तक वो लाल ना हो जाएं. लेकिन जब 15 साल की उम्र में, उसे अपनी दाहिनी आँख में धुंधलापन महसूस होने लगा और समय बीतने के साथ-साथ स्थिति और भी खराब होती गई. तब उसने आखिरकार इस बारे में डॉक्टर से मिलने का फैसला किया, तो उसे बताया गया कि लगातार आँख रगड़ने की वजह से उसकी कॉर्निया बुरी तरह से डैमेज हो गई है और अब उसे अपनी दृष्टि वापस पाने के लिए एक नई कॉर्निया की ज़रूरत है.
हाल ही में युवक ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट करवाया, जिसमें उसके क्षतिग्रस्त कॉर्निया को हटाकर उसकी जगह नया कॉर्निया लगाया गया. मुहम्मद के डॉक्टर ने उसे बताया कि वह कुछ महीनों में अपनी आंख खोल सकेगा, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में सालों लगेंगे.
Rubbed his eyes: टिकटॉक पर बताया पूरा वाकया
जबीदी ने ये बाते टिकटॉक के जरिए वायरल की. उसमें उसने कहा कि , “जब मैं बच्चा था, तब से मुझे अपनी आँखें रगड़ना पसंद था क्योंकि मुझे एलर्जी है. कभी-कभी मैं अपनी आँखें तब तक रगड़ता हूँ जब तक कि वे लाल न हो जाएँ. जिसकी वजह से मुझे अपना कार्निया ट्रांसप्लांट कराना पड़ा.
“फिलहाल मेरी हालत स्थिर है, लेकिन मेरी दाहिनी आँख अभी भी नहीं खुल पा रही है. डॉक्टर ने कहा है कि इसे खुलने में 2 महीने लग सकते हैं, और मुझे पूरी तरह से ठीक होने में 2 साल लगेंगे,” ज़बीदी ने कहा.
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21 वर्षीय युवक की क्लिप उसके अपने देश में वायरल हो गई, और अधिकांश लोगों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि अपनी आंख को रगड़ने जैसी सौम्य प्रक्रिया से कॉर्निया प्रत्यारोपण हो सकता है, तथा अन्य लोगों ने उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
Rubbed his eyes: आंखें रगड़ना हो सकता है घातक
आंखें रगड़ने से जलन और क्षति होना
आंखों को रगड़ने से आंखों के आसपास के नाजुक टिश्यू में जलन और सूजन हो सकती है, जिससे कॉर्नियल खरोंच या इंफेक्शन भी हो सकता है।
बैक्टीरिया और वायरस फैलना
आपके हाथ कई बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों को आश्रय देते हैं जो रगड़ने से आपकी आंखों में जाते हैं। ऐसे में आंखों में संक्रमण पैदा हो सकता है या बुरी स्थितियों को बढ़ाता है।
टियर फिल्म बाधित होना
आंखों को रगड़ने से आंखों की सुरक्षा और चिकनाई देने वाली टियर फिल्म बाधित हो सकती है, जिससे सूखी आंखों के लक्षण और परेशानी बढ़ सकती है।
आंखों में तनाव और थकान का कारण
अत्यधिक रगड़ने से आंखों के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे आंखों में थकान, सिरदर्द और संभावित रूप से ड्राइनेस या ब्लेफेराइटिस (पलक की सूजन) जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
आंखों में चोट लगने का खतरा
ज्यादा ताकत के साथ आंखों को रगड़ने से आंखों में चोट लग सकती है। जैसे कि कॉर्नियल घर्षण, सबकोन्जंक्टिवल हैमरेज या यहां तक कि गंभीर मामलों में रेटिनल डिटेचमेंट भी हो सकता है।