PM मोदी से मिलीं ममता बनर्जी, 45 मिनट तक हुई बात

दिल्ली में आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों के बीच कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई. ममता ने पीएम मोदी से केंद्र सरकार की ओर पश्चिम बंगाल के लिए अलग-अलग योजनाओं के लिए बकाया 100,968.44 करोड़ रुपये की मांग की. पीएम से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी उनके आवास से रवाना हो गईं. पीएम और ममता की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ लोग इसे राजनीतिक सेटिंग करार दे रहे हैं तो कुछ लोग शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की कार्रवाई का डर बता रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने निशाना साधते हुए कहा, टीएमसी के टॉप लीडर्स के खिलाफ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई के बीच ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा मैच फिक्सिंग का हिस्सा है.वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथागत रॉय ने पीएम नरेंद्र मोदी को सलाह दी है कि उन्हें जनता को यह समझाना चाहिए कि उनकी ममता बनर्जी से कोई सीक्रेट अंडरस्टैंडिंग तो नहीं है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “कोलकाता में सेटिंग को लेकर काफी चर्चाएं की जा रही हैं. इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच सीक्रेट अंडरस्टैंडिंग है. ऐसा है तो क्या तृणमूल कांग्रेस के हत्यारे और चोर इसी तरह खुल्ला घूमेंगे. इसलिए कृपया हम लोगों को यह भरोसा दिलाएं कि ऐसी कोई सेटिंग नहीं है”. तथागत रॉय ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी और पीएमओ को भी टैग किया है.

दिलीप घोष ने भी सरकार को दी थी सलाह

वहीं इससे पहले बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कहा था कि सीएम ममता बनर्जी इसलिए पीएम मोदी से मिलने वाली हैं, ताकि वह लोगों को संदेश दे सकें कि उनकी सेटिंग हो गई है. दिलीप घोष ने भी केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा था, “ममता बनर्जी इन मीटिंगों का इस्तेमाल यह संदेश देने के लिए कर रही हैं कि सेटिंग हो चुकी है. केंद्र सरकार को यह समझना चाहिए और उनके जाल में नहीं फंसना चाहिए”.

2016 से चल रही मैच फिक्सिंग: कांग्रेस

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ममता बनर्जी की इस बैठक को लेकर कांग्रेस समेत कई अन्य दलों ने तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता रिट्जू घोषाल की ओर से आरोप लगाया गया कि ये मैच फिक्सिंग साल 2016 के बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद से जारी है. जांच एजेंसी ईडी ने कोयला घोटाला मामले में अभिषेक बनर्जी से महज दो बार पूछताछ की, जबकि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को हर रोज तंग किया जा रहा है.

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