त्याग और तपस्या के बाद आए हैं हमारे राम,प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले PM मोदी
Ayodhya: 500 वर्षों के इंतजार के बाद आज प्रभु श्रीराम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न हो चुका है. अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए चौदह जोड़े यजमान बने. एक दिन बाद यानी 23 जनवरी से मंदिर को आमजनके लिए खोल दिया जाएगा. बता दें कि मैसूर के फेमस मूर्तिकार अरुण योगीराज ने भगवान राम की ऐतिहासिक प्रतिमा बनाई है. नई 51 इंच की मूर्ति को गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,’हर युग में लोगों ने राम को जीया है. हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है. यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है.’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि राम आग नहीं ऊर्जा हैं. विवाद नहीं समाधान हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,’हमारे रामलला अब टेंट में नही रहेंगे. अब रामलला दिव्य मंदिर में रहेंगे. मुझे विश्वास है, प्रभु राम हमें जरूर क्षमा करेंगे. आज हमारे राम आ गए हैं. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर राष्ट्र उठ खड़ा हुआ है. ये समय सामान्य नहीं है. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, वो खत्म हो चुकी है. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, वो खत्म हो चुकी है. संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी प्रभु श्रीराम के अस्सतिव पर कानूनी लड़ाई लड़ी गई.’
पीएम मोदी ने कहा आज हमारे राम आ गये हैं. सदियों की प्रतिक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. इस शुभ घड़ी की सभी समस्त देशवासियों को बधाई. कंठ अवरुद्ध है, मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है, चित अभी भी उस पल में लीन है. हमारे रामलला अब टेंट में नही रहेंगे, अब रामलला दिव्य मंदिर में रहेंगे. सदियों की प्रतिक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. त्याग और तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा कि 22 जनवरी कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं है. यह एक नए कालचक्र का उद्गम है.