CAA लागू होने पर भड़के विपक्षी नेता,ओवैसी ने कहा सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों का टारगेट करना

CAA News:CAA लागू होने पर भड़के विपक्षी नेता,ओवैसी ने कहा सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों का टारगेट करना

New Delhi:  आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है, जहां सरकार ने सोमवार को देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया है। बता दें सीएए को लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है, वहीं सीएए के लागू होने पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने फैसले का विरोध किया है।

इस पर बोलते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि सीएए को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को 4 साल और 3 महीने लग गए, वहीं पीएम दावा करते हैं कि उनकी सरकार प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए को लागू करने में लिया गया इतना समझ पीएम के सफेद झूठ की एक और झलक है, आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिसूचना के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना है, यह साफ तौर पर चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है।

यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि जब देश का नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरे के लिए नागरिकता कानून लाने से क्या होगा? वहीं जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है, बीजेपी सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के शासन में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़कर क्यों चले गए।

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि जब चुनाव आता है तो बीजेपी ऐसा करने लगती है, वहीं कानून में अगर भेदभाव है तो हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं फिर चाहे वो धार्मिक हो, भाषाई हो या फिर जाति आधारित हो। दो दिन में किसी को नागरिकता नहीं दे सकते हैं ये सिर्फ लॉलीपॉप और दिखावा है। वहीं अगर सीएए के बाद ही कुछ लोगों को नागरिक कहते हैं तो क्या ये लोग पहले नागरिक नहीं थे?

एआईएमआईएम मुखिया और हैदराबाद से पार्टी सांसद असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जहां ओवैसी ने कहा है कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे। वहीं सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं, सीएए विभाजनकारी है और यह कानून गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है।

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