Jyeshtha Purnima 2024: ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर ऐसे करें मां लक्ष्‍मी की आराधना, सुख,सौभाग्‍य और समृद्धि की होगी बरसात

Jyeshtha Purnima 2024: ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर ऐसे करें मां लक्ष्‍मी की आराधना, सुख,सौभाग्‍य और समृद्धि की होगी बरसात

Jyeshtha Purnima 2024:  पूर्णिमा तिथि को ज्योतिष में विशेष बल महत्व दिया गया है. पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा का बल अधिक होता है और उसमें आकर्षण की शक्ति भी बढ़ जाती है. वैज्ञानिक रुप में भी पूर्णिमा के दौरान ज्वार भाटा की स्थिति अधिक तीव्र बनती है. इस तिथि में समुद्र की लहरों में भी उफान देखने को मिलता है. यह तिथि व्यक्ति को भी मानसिक रुप से बहुत प्रभावित करती है. मनुष्य के शरीर में भी जल की मात्रा अत्यधिक बताई गई है ऎसे में इस तिथि के दौरान व्यक्ति की भावनाएं और उसकी ऊर्जा का स्तर भी बहुत अधिक होता है.

ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और सत्यनारायण की पूजा करने पर जातक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इस साल यानी 2024 में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा 22 जून को पड़ रही है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के उपरांत चंद्रदेव को अर्घ्य देने पर शुभ फल प्राप्त होता है.

Jyeshtha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि योग

पूर्णिमा तिथि के दिन जब चन्द्र और गुरु दोनों एक ही नक्षत्र में हो, तो ऎसी पूर्णिमा विशेष रुप से कल्याणकारी कही गई है. इस योग से युक्त पूर्णिमा में दान आदि करना शुभ माना गया है. इस तिथि के स्वामी चन्द्र देव है. पूर्णिमा तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति को चन्द्र देव की पूजा नियमित रुप से करनी चाहिए.

Jyeshtha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि महत्व

इस तिथि के दिन सूर्य व चन्द्र दोनों एक दूसरे के आमने -सामने होते है, अर्थात एक-दूसरे से सप्तम भाव में होते है. इसके साथ ही यह तिथि पूर्णा तिथि कहलाती है. यह तिथि अपनी शुभता के कारण सभी शुभ कार्यो में प्रयोग की जा सकती है. इस तिथि के साथ ही शुक्ल पक्ष का समापन होता है. तथा कृष्ण पक्ष शुरु होता है. एक चन्द्र वर्ष में 12 पूर्णिमाएं होती है. सभी पूर्णिमाओं में कोई न कोई शुभ पर्व अवश्य आता है. इसलिए पूर्णिमा का आना किसी पर्व के आगमन का संकेत होता है.

Jyeshtha Purnima 2024: ऐसे करें मां लक्ष्‍मी की पूजा

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें. इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है. भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर श्री हरि और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें. गंध, पुष्प, फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा भोग में खीर अर्पित करना चाहिए. पूजा के दौरान 11 कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर उन्हें लक्ष्मीजी को चढ़ा देना चाहिए. पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी स्थायी निवास बनाती हैं. इससे भक्त के घर में कभी कोई कमी नहीं रहती. तिजोरी खाली नहीं होती.मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं.

Nirjala Ekadashi 2024: 18 जून को इस शुभ योग में मनायी जाऐगी निर्जला एकादशी, इस दिन जरूर करें मां तुलसी की पूजा

देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें. विष्णु चालीसा का पाठ करें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें. भगवान विष्णु जी की आरती कर फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं. अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें.

Jyeshtha Purnima 2024: इस मंत्र का करें जाप

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्मी नमः और
ऊं श्रीं ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये चिंताये दूरये दूरये स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए.
(इन मंत्रों के जाप से घर में सुख समृद्धि आएगी)

Jyeshtha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि में किए जाने वाले काम

  • पूर्णिमा तिथि के दिन गृह निर्माण किया जा सकता है.
  • पूर्णिमा के दिन गहने और कपड़ों की खरीदारी की जा सकती है.
  • किसी नए वाहन की खरीदारी भी कर सकते हैं.
  • यात्रा भी इस दिन की जा सकती है.
  • इस तिथि में शिल्प से जुड़े काम किए जा सकते हैं.
  • विवाह इत्यादि मांगलिक कार्य इस तिथि में किए जा सकते हैं.
  • पूजा पाठ और यज्ञ इत्यादि कर्म इस तिथि में किए जा सकते हैं.

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427