Jyeshtha Month 2024: कल से शुरू हो रहा ज्‍येष्‍ठ मास, इन कामों को करने में बरते सावधानी

Jyeshtha Month 2024: कल से शुरू हो रहा ज्‍येष्‍ठ मास, इन कामों को करने में बरते सावधानी

Jyeshtha Month 2024: हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा के समापन के बाद ज्येष्ठ का महीना शुरू होता है. आज बैशाख की पूर्णिमा मनायी जा रही है. कल से शुरू हो रहे ज्येष्ठ माह को आम बोलचाल की भाषा में जेठ भी कहते हैं. ज्येष्ठ माह में सूर्य की तपिश दिनों-दिन बढ़ती जाती है, इसमें लोगों को सबसे अधिक गर्मी सहन करनी पड़ती है और लू लगने का खतरा रहता है. ज्येष्ठ माह का प्रारंभ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और समापन ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा ति​थि को होती है.

सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह भी कहते हैं. इस महीने सूर्य देव, वरुण देव (जल के देवता), शनि देव ,श्रीराम और हनुमान जी की पूजा अचूक मानी गई है.

ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों, पेड़ पौधों की सेवा, जरुरतमंदों की मदद करने वालों पर कभी दुख, संकट नहीं आता सारी बाधाएं नष्ट हो जाती है.  इस साल 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है, इसका समापन 23 जून 2024 को होगा.

Jyeshtha Month 2024:  क्यों है खास ज्येष्ठ माह

ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगल ग्रह है, जिसे ज्योतिष में साहस का प्रतीक माना गया है. यह महीना भगवान विष्णु और बजरंगबली का प्रिय मास है. ज्येष्ठ माह में ही शनि देव का जन्म हुआ था, इस महीने के मंगलवार को श्रीराम जी पहली बार हनुमान जी से मिले थे.

पति की लंबी आयु के लिए ज्येष्ठ माह में वट सावित्री व्रत करना पुण्यदायक माना गया है. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ माह में रविवार के व्रत करने से मान-सम्मान में वृद्धि, करियर में लाभ मिलता है. कुंडली में सूर्य मजबूत होता है.

देवी गंगा का पृथ्वी पर आगमन भी ज्येष्ठ माह में हुआ था, जिसे गंगा दशहरा  कहते हैं. इस दिन गंगा स्नान से पितरों की आत्म तृप्त हो जाती है. व्यक्ति के कष्ट, रोग, दोष दूर होते हैं.

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह के दान

ज्येष्ठ माह में जल भरे घड़े, पंखे, जूते, चप्पल, खीरा, सत्तू, अन्न, छाता आदि का दान करें. इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.

इस महीने में जल का दान विशेष रूप से करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसकी समस्त मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है.

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में क्या करें?

ज्येष्ठ माह में जल का दान करना बड़ा ही पुण्य फलदायी माना जाता है. इस वजह से ज्येष्ठ माह में राहगीरों को पानी पिलाना चाहिए. उनके लिए प्याऊ की व्यवस्था करनी चाहिए. पशु पक्षियों को भी पानी पिलाना चाहिए. विष्णु कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट मिट जाते हैं.

ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु, शनि देव, हनुमान जी की पूजा करने का विधान है. इन देवों की पूजा करने से व्यक्ति को कार्यों में सफलता मिलती है. जाने-अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती है.

ज्येष्ठ में बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने का विधान है. जो विधि विधान से 4 बड़े मंगलवार का व्रत करता है और वीर बजरंगबली की पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

इस माह में जल की पूजा का महत्व है क्योंकि इस माह में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी दो बड़े व्रत एवं पर्व हैं. ये दोनों ही जल के महत्व को बताते हैं. गंगा दशहरा गंगा के अवतरण की महिमा का बखान करता है. गंगा के स्पर्श मात्र से पाप मिटते हैं और मोक्ष मिलता है, वहीं निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों के बराबर पुण्य देती है.

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में क्या न करें?

  • ज्येष्ठ माह में कभी भी घर के बड़े बेटे या बेटी की शादी बड़े लड़के या लड़की से नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि ज्येष्ठ में कोई भी 3 ज्येष्ठ काम नहीं करते हैं. इसे अशुभ माना जाता है.
  •  ज्येष्ठ में मसालेदार खाना, मांस या गर्म तासीर वाली वस्तुएं के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इस माह में सूर्य की तपिश ज्यादा होती है. ऐसे में ये भोजन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
  •  मानव जीवन के लिए जल का महत्व है. यदि आपके द्वार पर कोई प्यासा आता है तो उसे पानी जरुर पिलाएं. उसे भगाएं नहीं हैं. प्यासे को पानी पिलाना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है.
  • ज्येष्ठ माह में दोपहर के समय यात्रा करने से बचना चाहिए. सूर्य की तपिश के कारण बीमार पड़ने की आशंका रहती है. श​रीर में पानी की मात्रा बनाए रखनी चाहिए.

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह के व्रत व त्यौहार

ज्येष्ठ मास के त्यौहारों में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, वटसावित्री व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा, योगिनी एकादशी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं. इस माह के दौरान मौसम का प्रकोप इतना अधिक प्रचंड रहता है कि मनुष्य तो क्या जीव जन्तु भी इस समय में गर्मी की अधिकता से व्याकुल हो जाते हैं.

Jyeshtha Month 2024: गंगा दशहरा

गंगा दशहरा पृथ्वी पर पवित्र नदी गंगा के आगमन होने के उपलक्ष पर मनाया जाता है. इस त्यौहार के समय गंगा पूजन और व्रत इत्यादि करने का विशेष महत्व रहा है. साथ ही गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. इस के साथ ही इस दिन जप – तप – दान का भी बहुत महत्व माना गया है. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है.

गंगा नदी को भारत में एक बहुत ही पवित्र नदी के रुप में पूजा जाता है. जन्म से मृत्य तक के सभी कर्मों में गंगा की महत्ता सभी के समक्ष उल्लेखनीय भी रही है. जब माँ गंगा धरती पर आती हैं तो वो दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी का था इसलिए गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से मनाया जाता है.

Jyeshtha Month 2024: निर्जला एकादशी

ज्येष्ठ मास का एक अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार निर्जला एकादशी है. यह त्यौहार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन संपन्न होता है. निर्जला एकादशी के दिन व्रत एवं पूजा पाठ करने का नियम भी रहता है. इस दिन देश भर में लोगों को, राहगीरों को मीठा पानी पिलाया जाता है जिसे कुछ स्थानों पर छबील भी कहा जाता है. इस एकादशी के दिन भी तीर्थ स्थलों पर स्नान करने का विशेष महत्व रहा है. इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा कि जाती है. इस दिन किए गए जप-तप और दान का कई गुना फल मिलता है.

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Jyeshtha Month 2024: वटसावित्री व्रत

ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रुप में मनाया जाता है. ये व्रत सौभाग्य की वृद्धि करने वाला होता है. वट के वृक्ष को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है. इस वृक्ष पर ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास माना गया है. इसी के समक्ष सावित्री और सत्यवान की कथा का श्रवण किया जाता है और पूजन, व्रत कथा श्रवण आदि के पश्चात व्रत संपन्न होता है.

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा

ज्येष्ठ माह कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दिन प्रात:काल समय पर पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करने के पश्चात पूजा-पाठ किया जाता है. ब्राह्मण को भोजन कराना, गरीबों को दान करना और सत्यनारायण कथा श्रवण करना मुख्य कार्य होते हैं. ये सभी इस पूर्णिमा के दिन किए जाने पर व्यक्ति के शुभ कर्मों में वृद्धि होती है.

ज्येष्ठ पूर्णमा के दिन संत कबीर का भी जन्म दिवस मनाया जाता है.

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