मिशन गगनयान की तैयारियां जोरों-शोरों से कर रहा ISRO

मिशन गगनयान की तैयारियों में इसरो जोरों-शोरों से जुटा हुआ है। इसी कड़ी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ड्रग पैराशूट की तैनाती के लिए परीक्षणों की एक श्रृंखला का सफलतापूर्वक संचालन किया। गगनयान पैराशूट नियोजित होगा जो अंतरिक्ष उड़ान मिशन दोबारा प्रवेश के दौरान क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने और उसकी रफ्तार को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। गगनयान मिशन के तहत यात्रियों को सुरक्षित तरीके से अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा और वापसलाया जाएगा। बता दें कि ड्रग पैराशूट को रफ्तार करने और तेजी से गिर रही या चल रही वस्तुओं को स्थिर करने के लिए किया जाता है।

शुक्रवार को अपने बयान में राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसरो के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रमि साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने 8-10 अगस्त के दौरान चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड में ड्रग पैराशूट परीक्षणओं की श्रृंखला का सफल संचालन किया। ये परीक्षण डीआरडीओ और एडीआरडीई के सहयोग से आयोजित किए गए थे। ये पैराशूट कमांड मिलने पर अच्छी तरह से हवा में खुलने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इसरो ने बताया कि इस पैराशट का व्यास 5.8 मीटर है। जो सिंगलफेज रीफिंग तंत्र का उपयोग करते हैं।

इसरो ने बताया कि ये पैराशूट शुरुआती झटकों को कम करने का काम करते हैं और सहज व नियंत्रित लैंडिंग सुनिश्चित करते हैं। ये सफल आरटीआरएस परीक्षण ड्रग पैराशूट के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर के रूप में काम करते हैं। बता दें कि इस वर्ष की शुरूआत में इस बाबत परीक्षण का आयोजन किया गया था। इससे मिशन गगनयान के पैराशूट सिस्टम विकास की प्रगति को और भी बल मिला।

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