CAG जांच के दायरे में दिल्ली के सीएम केजरीवाल, सरकारी बंगले के रिनोवेशन का होगा ऑडिट

New Delhi: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक बंगले के रिनोवेशन की अब CAG ऑडिट होगी. इस ऑडिट में सरकारी बंगले के रिनोवेशन में हुई अनियमितताओं और उल्लंघनो की विशेष जांच होगी.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) दिल्ली के 6, फ्लैग स्टाफ रोड सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रिनोवेशन मे प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं का विशेष ऑडिट करेंगे. यह कदम केंद्र द्वारा इस संबंध में सीएजी से किए गए अनुरोध के बाद उठाया गया है.

गृह मंत्रालय ने यह एक्शन LG सचिवालय की 24 मई, 2023 की सिफारिश के बाद लिया है. 24 मई को LG ऑफिस ने केजरीवाल के सरकारी बंगले में रिनोवेशन के खर्चों से जुड़े मामले को लेकर CAG द्वारा विशेष ऑडिट की सिफारिश की थी.  जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर आधिकारिक आवास के रिनोवेशन में वित्तीय अनियमितताओं (Financial Irregularities) की बात कही थी.

इंटीरियर में खर्च हो गए थे 11.30 करोड़ रुपये
दस्तावेजों से पता चला है कि यह 9 सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच 6 किस्तों में खर्च की गई थी। दस्तावेजों के मुताबिक, कुल खर्च में 11.30 करोड़ रुपये इंटीरियर डेकोरेशन, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल फर्श, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधी फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन प्रणाली, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब और एसेसरीज फिटिंग पर और किचन उपकरणों पर 1.1 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है।

आम आदमी पार्टी ने किया था बचाव
आम आदमी पार्टी ने बंगले के मरम्मत पर हुए खर्चे को लेकर सफाई दी थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि मुख्यमंत्री आवास 75-80 साल पहले 1942 में बनाया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की सिफारिश की थी। पार्टी के विधायक नरेश बालियान सहित आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं ने तब सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के पुराने आवास की छत से गिरे मलबे के कथित वीडियो साझा किए थे और दावा किया था कि 1942 में बना घर जर्जर अवस्था में था।

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