ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण चिंताजनक है,इस्‍लामिक संगठन OIC ने दिया विवादास्‍पद बयान

International News:ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण चिंताजनक है,इस्‍लामिक संगठन OIC ने दिया विवादास्‍पद बयान

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और राम मंदिर निर्माण पर मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी ने आपत्ति जताई है। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने एक पोस्ट करते हुए लिखा कि ओआईसी के महासचिव ने भारत के अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल ही में बनी राम मंदिर के निर्माण पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इससे पहले पाकिस्तान ने भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ जहर उगला था।

प्राण-प्रतिष्ठा पर ओआईसी ने जताई आपत्ति

57 देशों के मुस्लिम संगठन, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा के हवाले से संगठन ने कहा,”ओआईसी के महासचिव ने भारत के अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल ही में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।”ओआईसी का बयान भी पाकिस्तान की ओर से एक दिन पहले जारी स्टेटमेंट से मेल खाता है। सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निंदा की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा गया कि अयोध्या में 500 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाया गया ये मंदिर भारत के लोकतंत्र पर एक कलंक की तरह है। 1992 में कट्टरपंथियों की भीड़ ने पहले बाबरी मस्जिद को तोड़ा और उसके बाद अब यहां ये मंदिर बनाया गया। इस घटनाक्रम से साफ है कि भारत में आने वाले समय में मुसलमानों के दूसरे धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा सकता है। अयोध्या के बाद वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को भी कट्टरपंथी तोड़ सकते हैं।

क्या है ओआईसी

ओआईसी दुनियाभर के 57 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है। इसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि सऊदी अरब दुनिया के उन टॉप 10 देशों में भी शामिल नहीं है, जहाँ मुस्लिम आबादी सबसे ज़्यादा हैं। सदस्य देशों के अलावा रूस, थाईलैंड और कुछ दूसरे छोटे देशों को ऑफिसर का स्टेटस मिला हुआ है।

भारत नहीं है सदस्य

वैसे तो ये संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है। लेकिन जिस भारत देश में दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा आबादी रहती है वो इसका सदस्य नहीं है औऱ ना ही उसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। पाकिस्तान लगातार भारत को इस मंच से दूर रखने की कोशिश करता आया है।

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