युद्ध में यूक्रेन की और मजबूती से मदद करेंगे-ब्रिटेन

Britan: रूस के हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अपनी पहली ब्रिटेन यात्रा पर हैं. विश्व युद्ध की आहट के बीच जेलेंस्की आज ब्रिटेन दौरे पर है..एयरपोर्ट पर जेलेंस्की की अगवानी खुद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने की. बकिंघम पैलेस में जेलेंस्की की मुलाकात किंग चार्ल्स से भी हुई.वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ब्रिटेन की संसद को संबोधित किया. जेलेंस्की की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब सुनक ने यूक्रेनी लड़ाकू विमान पायलटों और नौसैनिकों को उनकी रक्षात्मक क्षमताओं में मदद करने के लिए ब्रिटेन की तरफ से जारी सहयोग को बढ़ाया है.

ब्रिटेन ने कहा कि अब यूक्रेन को लॉन्ग रेंज वेपन देने का वक्त आ गया है तो यूक्रेन की नेवी और एयरफोर्स के सैनिकों को भी ब्रिटेन में वेपन ट्रेनिंग मिलेगी. वहीं यूक्रेन के नए पायलट्स को भी ट्रेनिंग देने का इंतजाम ब्रिटेन में किया गया है.

रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन को मिलेगी मदद

ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, जेलेंस्की यहां प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मुलाकात के दौरान यूक्रेन के प्रति ब्रिटेन के समर्थन के लिए दोतरफा दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे. इसकी शुरुआत रूस के आक्रमण का मुकाबला करने में मदद करने के लिए देश में सैन्य उपकरणों की तत्काल वृद्धि से होगी और इसे दीर्घकालिक समर्थन से मदद मिलेगी.

सुनक ने कहा, राष्ट्रपति जेलेंस्की की ब्रिटेन की यात्रा उनके देश के साहस, दृढ़ संकल्प और जुझारूपन का प्रमाण है और हमारे दोनों देशों के बीच अटूट मित्रता की साक्षी है. उन्होंने कहा, 2014 के बाद से ब्रिटेन ने यूक्रेनी बलों को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिससे वे अपने देश और संप्रभुता की रक्षा कर सकें और अपने क्षेत्र के लिए लड़ सकें. मुझे गर्व है कि आज हम उस प्रशिक्षण को सैनिकों से नौसैनिकों और लड़ाकू जेट पायलटों तक विस्तारित करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यूक्रेन के पास भविष्य में अपने हितों की अच्छी तरह से रक्षा करने में सक्षम सेना हो.

डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि मजबूत प्रशिक्षण प्रस्ताव यह सुनिश्चित करेगा कि यूक्रेन के पायलट भविष्य में परिष्कृत उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) मानक लड़ाकू जेट विमानों को उड़ाने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा, यह न केवल अल्पावधि के लिए सैन्य उपकरण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, बल्कि आने वाले वर्षों में यूक्रेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के दीर्घकालिक संकल्प को भी दर्शाता है.

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