दिल्ली में रोहिंग्या कैंप पर चला योगी सरकार का बुल्डोजर, खाली कराई 97 करोड़ की जमीन
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में सिंचाई विभाग की करोड़ों की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह के निर्देश पर दिल्ली स्थित मदनपुर खादर में सिंचाई विभाग के हेडवक्र्स खण्ड आगरा नहर ओखला द्वारा अभियान चलाकर 5.21 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया गया. इसके अलावा सिंचाई विभाग के अन्य जमीनों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
यह जानकारी सिंचाई विभाग ओखला संगठन के अधिशासी अभियन्ता वीके सिंह ने गुरुवार को दी है. उन्होंने बताया कि मदनपुर खादर में आज सुबह करीब 4 बजे कार्रवाई करके सिंचाई विभाग की भूमि पर रोहिंग्या कैम्पों (Rohingya Camp) को हटाया गया. इसके साथ ही तमाम अवैध निर्माण विस्थापित किए गए. यह जमीन दिल्ली के मदनपुर खादर में स्थित है, जिसका कुल क्षेत्रफल 2.1080 हेक्टेयर है, इसकी कीमत 97 करोड़ रुपये है.
अधिशासी अभियंता वीके सिंह ने बताया कि इस भूमि से सटी जकात फाउडेशन की भूमि पर पहले रोहिंग्याओं की बस्ती बसी हुई थी. इन लोगों ने सिंचाई विभाग की आज खाली कराई गई भूमि पर स्थायी/अस्थायी कब्जा कर लिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे. इन अधिकारियों ने दिल्ली प्रशासन के अधिकारियों के साथ 20 जुलाई, 2021 को बैठक करके इस जमीन को खाली कराए जाने का निर्णय लिया.
इस निर्णय के तत्काल अनुपालन के लिए गुरुवार सुबह उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस स्वयं सेवकों की मदद से ग्राम मदनपुर खादर में सिंचाई विभाग की विभागीय भूमि खसरा नं0- 612 को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया. इस कार्रवाई के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों में सहायक अभियंता धीरज कुमार प्रथम, जिलेदार शशिभान सिंह के अलावा अन्य राजस्व कर्मी मौजूद थे.
यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जानी वाली बुलेट ट्रेन परियोजना एक और कदम आगे बढ़ गई है. दिल्ली के सराय काले खां से पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए एलिवेटेड ट्रैक यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे बिछाया जाएगा. जबकि इसके यूपी के नोएडा में दो स्टेशन होंगे. साफ है कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सैद्धांतिक सहमति बुधवार को नियाल और रेलवे अधिकारियों के बीच हुई बैठक में बन गई है.