वीडियोकॉन लोन मामला : सीबीआई ने राजीव कोचर से नौ घंटे पूछताछ की

नई दिल्ली: सीबीआई ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के ऋण मामले में शुक्रवार को बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के देवर राजीव कोचर से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि राजीव कोचर मुंबई में सीबीआई कार्यालय में पेश हुए.  उनसे वीडियोकॉन को दिए गए ऋण की रिस्ट्रक्चरिंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछा गया. ‘‘अविस्ता एडवाइजरी’’ के संस्थापक से ऋण के संबंध में वीडियोकॉन को दी गयी मदद के बारे में सवाल किया गया.

राजीव को गुरुवार पूर्वाह्न लगभग 11 बजे मुंबई हवाईअड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उस समय रोक लिया था, जब वह सिंगापुर रवाना होने वाले थे. इसके बाद, उन्हें सीबीआई को सुपुर्द कर दिया गया, जो वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और राजीव के भाई दीपक कोचर के खिलाफ पूछताछ के लिए राजीव को बांद्रा स्थित कार्यालय ले आई.

सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन समूह के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ बैंक संघों के सदस्य के तौर पर आईसीआईसीआई द्वारा 2012 में वीडियोकॉन को ऋण जारी करने में किसी अनियमितता की जांच के लिए प्राथमिक जांच दर्ज की थी.

मामले से संबंधित सवालों का सामना कर रहीं चंदा कोचर का नाम प्राथमिक जांच में नहीं है. वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत होने के बाद समूह द्वारा एक कंपनी को 64 करोड़ रुपये का ऋण देने की खबरों के बाद यह मामला दर्ज किया गया था. ये रुपये भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले बैंकों के संघ द्वारा वीडियोकॉन को मिले 40,000 करोड़ रुपये में से दिए गए थे.अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज की है. सीबीआई आरोपों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए शुरुआती जांच कर रही है. अगर एजेंसी को प्रथम दृष्टया लगता है कि आरोपों में किसी तरह का दम है तो वह नियमित मामला दर्ज कर सकती है.

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