यूरोप ने अमेरिका को दी चेतावनी, ईरान के साथ जंग का हो सकता है खतरनाक अंजाम

ब्रसेल्स/तेहरान/वॉशिंगटन: यूरोप ने ईरान परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका से और तनाव नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है। वहीं, ब्रिटेन ने खाड़ी में ‘अचानक’ संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर सख्त चेतावनी दी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने अंतिम क्षणों में ब्रसेल्स की यात्रा करने का फैसला किया, जहां उन्होंने 2015 के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले 3 यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अपने समकक्षों से मुलाकात की। प्रतिबंधों से राहत के बदले में ईरान की परमाणु आकांक्षाओं पर लगाम लगाने के लिए यह समझौता किया गया था। वहीं, ट्रंप ने किसी भी तरह की हिमाकत करने पर ईरान को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है।

अमेरिका ने तैनात किए बमवर्षक और पोत

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने रखा अपने देश का पक्ष
यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए ब्रसेल्स पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा, ‘हम तनाव बढ़ने के साथ एक दुर्घटना से संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर चिंतित है। हो सकता है कि किसी भी पक्ष की संघर्ष की मंशा नहीं हो लेकिन इसका खात्मा किसी तरह के संघर्ष से ही होगा। मुझे लगता है कि हमें शांति की जरुरत है, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हर कोई समझे कि दूसरा पक्ष क्या सोच रहा है और सबसे ज्यादा हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ईरान को फिर से परमाणु सशस्त्रीकरण की राह पर नहीं भेजें क्योंकि अगर ईरान परमाणु शक्ति बनेगा तो उसके पड़ोसी भी परमाणु शक्ति बनना चाहेंगे।’ट्रंप ने भी दी चेतावनी
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह कोई हिमाकत करता है तो उसे इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘हम देखेंगे कि ईरान के साथ क्या होता है। यदि वे कुछ करते हैं, तो यह उनकी भारी भूल होगी।’ उन्होंने ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य निर्माण के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में यह बात कही।

ईरान ने सऊदी पोतों पर हमले की जांच की मांग की
ईरान ने खाड़ी के समुद्र में पोतों पर हमले को चिंताजनक बताते हुए सोमवार को इसकी जांच की मांग की। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने दावा किया था कि अमीरात की समुद्री सीमा में तेल टैंकरों समेत कई पोतों में तोड़फोड़ की गई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओमान के सागर में हुई घटनाएं चिंताजनक और अफसोसनाक हैं। उन्होंने इन हमलों की जांच कराए जाने की मांग की है।

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