भारत ने लगाया आरोप, कहा वुहान राहत सामग्री लेकर जाने वाले विमान को मंजूरी देने में देरी कर रहा है चीन

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर और वुहान में रह रहे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विमान भेजने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी देने में चीन जानबूझ कर देरी कर रहा है. भारत को कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीनी शहर वुहान में 20 फरवरी को सी-17 सैन्य विमान भेजना था लेकिन उड़ान के लिए अनुमति न मिलने के कारण विमान उड़ान नहीं भर सका. एक उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा, ‘चीन नागरिकों को वापस निकालने के विमान के लिए मंजूरी देने में जानबूझकर विलंब कर रहा है.’

भारत के इन आरोपों का खंडन करते हुए चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने सफाई दी है, ‘हुबेई में महामारी की स्थिति जटिल है और रोकथाम और नियंत्रण ने नाजुक चरण में प्रवेश कर गया है. दोनों देशों के विभाग इस बारे में बात कर रहे हैं. चीन द्वारा उड़ान की अनुमति देने में जानबूझकर देरी करने जैसी कोई बात नहीं है.’

भारत में चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘हम हमेशा चीन में भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व देते हैं और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए सहायता प्रदान करते हैं.’ चीन के वुहान से फैली से इस महामारी से दुनिया के कई देश चपेट में आ चुके हैं. जिसमें जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और अमेरिका सहित थाइलैंड, ताइवान, मलेशिया, ईरान, वियतनाम, जर्मनी, इटली समेत दुनिया भर के कई देश शामिल हैं.

बता दें कि भारतीय सैन्य विमान को चीन में चिकित्सा आपूर्ति का बड़ा जखीरा लेकर जाना था और वुहान से भारतीयों को वापस लाना था. सूत्रों ने बताया कि चीन लगातार कह रहा है कि विमान को मंजूरी देने में कोई देरी नहीं हुई लेकिन उसने ‘बिना स्पष्ट कारण’ बताए मंजूरी नहीं दी है. इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी.

मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए राहत सामग्री की पेशकश की गई जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है.’

जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी आवश्यकता चीन ने जताई थी. एयर इंडिया ने दो अलग-अलग उड़ानों में वुहान से पहले ही करीब 640 भारतीयों को निकाल लिया था. एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं. कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है. सूत्रों ने बताया कि वुहान में भारतीय नागरिकों का विमान के लिए लंबा इंतजार बना हुआ है. देरी से उन्हें नुकसान हो रहा है और भारत में उनके परिवार के सदस्य मानसिक रूप से काफी परेशान हैं.

उन्होंने बताया कि फ्रांस समेत अन्य देशों की राहत सामग्री लेकर और लोगों को निकालने के लिए उड़ानों को मंजूरी दी गई लेकिन भारत के मामले में अनुमति नहीं दी गई. इस मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा, ‘क्या वे भारत की ओर से मुहैया कराये जा रहे सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं? वे वुहान से हमारे नागरिकों को वहां से निकालने में रोड़ा क्यों अटका रहे हैं .’

दुनियाभर में कोरोनावायरस 

चीन में फैले कोरोनावायरस ने दुनियाभर में अबतक 77 हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे कोविड-19 नाम दिया है. विभिन्न देशों में सामने आए कोरोना वायरस के मामले और मृतकों की संख्या इस प्रकार हैं:

चीन- 76,288 मामले, 2,345 लोगों की मौत .

जापान – 739 मामले में तीन लोगों की मौत .

दक्षिण कोरिया – 346 मामले, 2 लोगों की मौत

सिंगापुर, 86 मामले

अमेरिका, 35 मामले, एक चीनी नागरिक की मौत

इसके अलावा भारत, थाइलैंड, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, ईरान, वियतनाम, जर्मनी, इटली, फ्रांस समेत दुनिया भर के विभिन्न देशों कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं.

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