फुल्का के आप से जाने पर कुमार विश्वास हुए शायराना, अलका लांबा ने भी केजरीवाल पर साधा निशाना

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील एचएस फुल्का ने पार्टी से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है. इस संबंध में उन्होंने ट्वीट कर गुरुवार को जानकारी दी थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें इस्तीफा नहीं देने को कह रहे थे. एच एस फुल्का आज शाम चार बजे प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करेंगे और वहां पार्टी छोड़ने के कारण और भविष्य के कदमों के बारे में जानकारी देंगे.एचएस फुल्का काफी समय से पार्टी की बैठकों में भी नजर नहीं आते थे. इससे पहले वह साल 2017 में पंजाब में विपक्ष के नेता बने थे, लेकिन इस पद से उन्होंने कुछ ही दिनों बाद ये कहकर इस्तीफा दे दिया था कि वह 1984 के सिख दंगे केस पर ध्यान केन्द्रीत करना चाहते हैं. फुल्का ने पंजाब में ही गुरुग्रंथ साहिब से बेअदबी के एक मामले के सामने आने के बाद विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया था. एच एस फुल्का ही वह वकील हैं जो बिना फीस लिए सिख दंगा पीड़ितों के लिए केस लड़े और लास्ट में आरोपी सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा हुई.

अलका लांबा ने दिखाया बागी तेवर-

आम आदमी पार्टी के बागी नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने वरिष्ठ नेता एच एस फुल्का के इस्तीफे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कुमार विश्वास ने कहा, ‘आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने की निजी अंहकार मंडित नीचता के नाम एक और खुद्दार-शानदार योद्धा की ख़ामोश क़ुरबानी मुबारक हो! अपनी स्वराज वाली बची-खुची एक आँख फोड़कर सत्ता के रीढ़विहीन “अंधों का सरदार” बनना वीभत्स और कायराना है.’वहीं, फुल्का के इस्तीफे पर आप विधायक अलका लांबा ने भी बागी रूप अपना लिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कहा है कि फुल्का के इस्तीफे पर पार्टी को आंकलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संगठन से सरकार बनती है, सरकार से संगठन नहीं. अलका लांबा ने कहा कि पार्टी में तीन तरह के लोग हैं. एक वो 2012 से पहले आए थे, एक वो जो 2012 के बाद आए थे और तीसरे वो जो 2015 के बाद आए थे. उन्होंने कहा कि 2012 के पहले वाले नेता दल छोड़ते हैं तो नुकसान होता है.

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