दो महीने में खत्म हुआ अपराध का साम्राज्य

पिछले लगभग दो महीने से मीडिया की सुर्खियों में रहे प्रयागराज के चर्चित उमेशपाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की बीती रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई है… पुलिस उन्हें अस्पताल में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी.. पत्रकारों के सवालों के जवाब देते समय मीडियाकर्मी बनकर आए तीन युवकों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते ताबड़तोड़ फायरिंग की… जिससे अतीक और उसका भाई अशरफ मौके पर ही ढेर हो गए…हत्या करने के बाद तीनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया है.. हमलावरों की पहचान लवलेश, सनी और अरुण मौर्य के नाम से हुई है.

22 राउंड फायरिंग..माफिया ब्रदर्स हुए ढेर
दिन शनिवार…समय…रात करीब 10:30 बजे …प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के गेट के अंदर मीडिया का जमावड़ा था.. सबकी निगाह पुलिस कस्टडी में वहां पहुंचे माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर थी.. पुलिस के घेरे को चीरकर मीडियाकर्मी अतीक से सवाल पूछते हैं…
अतीक अहमद से पूछा जाता है कि आपके बेटे का जनाजा उठा …आप नहीं पहुंचे… इस पर आप क्या कहेंगे? अतीक बोलता है..ये लोग नहीं ले गए..तो नहीं पहुंचे…इसके बाद जैसे ही अतीक दूसरे सवाल का जवाब देना शुरु करने ही वाला था… कि गोली चलने की आवाज आई और अतीक जमीन पर गिर पड़ा…
कोई कुछ समझ पाता तब तक एक और गोली चली जो कि उसके भाई अशरफ को जा लगी… इसके साथ ही पूरा माहौल गोलियों की तड़ातड़ गूंज उठा… वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई…हर कोई खौफ में था। लोग गिरते-पड़ते चोट खाते किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे…हमला करने आए शूटर रिपोर्टर और कैमरामैन बनकर मीडियाकर्मियों के साथ ही खड़े हैं.. इसके बाद तीनों ने गोली चलानी शुरू कर दी..
इसके बाद जो हुआ वो अप्रत्याशित रहा…घटना की सूचना पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया… मौके पर भारी फोर्स के साथ-साथ कई वरिष्ठ अफसर पहुंच गए थे.. गोलीबारी में एक सिपाही भी घायल होने की सूचना है.. उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे…
सवालों के घेरे में प्रयागराज की पुलिस
यूपी पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी कह नहीं रही है.. हमले के तुरंत बाद, यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार CM योगी से मिलने पहुंचे …सीएम योगी सभी बड़े अधिकारियों के साथ बैठक पर बैठक कर रहे हैं… वहीं, प्रयागराज में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है…घटनास्थल पर स्पेशल वीपंस ऐंड टैक्टिक्स टीम पहुंच गई…संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनात कर दी गई …
अतीक अहमद और अशरफ से यूपी ATS और प्रयागराज पुलिस ने 23 घंटे पूछताछ की थी.. दोनों से करीब 200 सवाल पूछे गए थे.. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान अतीक ने कबूला था कि वो पाकिस्तान से हथियार की सप्लाई लेता रहा है..अहमदाबाद जेल से उसने ISI एजेंट को फोन किया था.. यही नहीं, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का भी जुर्म कबूल किया.. अशरफ ने पुलिस को बताया कि किसी चैनल से हथियार पंजाब के एक फॉर्म हाउस तक पहुंच जाते थे..पूछताछ के दौरान अतीक गिड़गिड़ाता रहा.. वो बेटे के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा.. इसी दौरान अतीक की तबीयत बिगड़ गई थी.. इसके बाद अतीक और अशरफ को एक ही हथकड़ी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था…
एक था अतीक अहमद
10 अगस्त 1962 को इलाहाबाद में अतीक अहमद का जन्म
पिता फिरोज अहमद तांगा चलाकर परिवार चलाते थे
कम उम्र में ही कई बदमाशों की संगत में आ गया अतीक
अमीर बनने के लिए लूट, अपहरण और रंगदारी वलसी में जुट गया
अतीक अहमद पर 1997 में हत्या का पहला केस दर्ज हुआ
साल 1986 में पुलिस ने अतीक को गिरफ्तार कर लिया
राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर जेल से बाहर आया
अतीक अहमद ने साल 1989 में राजनीति में कदम रखा
इलाहाबाद शहर पश्चिमी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया
चांद बाबा की हत्या के बाद पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का बादशाह बना
साल 1991 और 1993 में भी अतीक निर्दलीय चुनाव जीता
साल 1995 में लखनऊ के चर्चित गेस्ट हाउस कांड में भी उसका नाम सामने आया
साल 1996 में एसपी के टिकट पर विधायक बना
साल 1999 में अपना दल के टिकट पर प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ा और हार गया
साल 2002 में अपनी पुरानी इलाहाबाद पश्चिमी सीट से पांचवीं बार विधायक बना
2012 के विधानसभा चुनाव में राजू पाल की पत्नी के खिलाफ अतीक चुनाव हार गया
2014 के लोकसभा चुनाव में श्रावस्ती सीट से एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया
2017 विधानसभा चुनाव के लिए अतीक को कानपुर कैंट से एसपी ने टिकट दिया
2014 के लोकसभा चुनाव में भी उसने समाजवादी पार्टी
अतीक अहमद पर 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे
अतीक पर हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग, रंगदारी जैसे केस थे
अतीक पर चांद बाबा, नस्सन, बीजेपी नेता अशरफ, राजू पाल की हत्या का आरोप
फरवरी 2017 में अतीक को गिरफ्तार कर लिया गया, तब से अतीक जेल में था
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक को 4 दिनों की पुलिस रिमांड पर प्रयागराज लाया गया था
15 अप्रैल, 2023 को प्रयागराज के जिला अस्पताल के बाहर अतीक और अशरफ की हत्या

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