केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ीं, अब कोर्ट ने दिये जांच के आदेश

जयपुर. राजस्‍थान के ऑडियो क्लिप विवाद (Audio clip Controversy) में आरोप लगने के बाद केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) अब एक और मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. जयपुर की एडीजे कोर्ट ने एक और मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में बाड़मेर निवासी गुमान सिंह और लाबू सिंह की रिवीजन को स्वीकार करते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

यह है पूरा मामला
याचियों की ओर से दायर रिविजन के मुताबिक उन्होंने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में लाखों रुपये जमा कराए थे. सोसायटी ने यह पैसा गजेंद्र सिंह शेखावत और इनके सहयोगियों की कंपनियों में लगाया था. इस बीच, सोसायटी करोड़ों रुपयों के घोटाले में फंस गई. इस घोटाले की एसओजी ने जांच की थी. जांच कर रही एसओजी ने मामले में इनके खिलाफ जांच लंबित रखकर कोर्ट में चालान पेश कर दिया. इस पर गुमान सिंह और लाबू सिंह ने कोर्ट में रिवीजन प्रार्थना-पत्र लगाया था. इस प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश जारी किये हैं.

ऑडियो क्लिप मामले में भी शेखावत को नोटिस

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री शेखावत पर राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच अशोक गहलोत खेमे की ओर से जारी किये गये ऑडियो क्लिप में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के आरोप लगे थे. इस मामले में सरकार के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने एसओजी में मामला दर्ज कराया था. ऑडियो में हो रही बातचीत में तीन लोग शामिल हैं. इनमें से एक आवाज कथित तौर पर गजेन्द्र सिंह की बताई गई है. इस मामले को लेकर एसओजी जांच कर रही है और उसने गजेन्द्र सिंह को भी पूछताछ का नोटिस भेजा है.

आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं शेखावत
गजेन्द्र सिंह शेखावत ऑडियो क्लिप में शामिल होने के आरोपों को सिरे खारिज कर चुके हैं. ऑडियो क्लिप जारी होने के बाद उठे विवाद पर शेखावत ने साफ शब्दों में कहा था कि यह आवाज उनकी नहीं है. वे किसी भी तरह की जांच के लिये तैयार है. यह उन्हें बदनाम की कोशिश की गई है.

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