आजादी का ये अमृत काल भारत का एक बुलंद इतिहास लिखने वाला है-PM मोदी

टोक्यो (जापान). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि आजादी का ये अमृत काल भारत की समृद्धि का, भारत की संपन्नता का एक बुलंद इतिहास लिखने वाला है. मुझे जो संस्कार मिले हैं, जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है उसके कारण मेरी भी एक आदत बन गई है. मुझे मक्खन पर लकीर बनाने में मजा नहीं आता है, मैं पत्थर पर लकीर बनाता हूं. यह बात उन्‍होंने जापान (Japan) में अपने संबोधन में कही है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर क्वाड नेताओं की शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर टोक्यो पहुंचे.

प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों के बीच कहा कि भारत और जापान मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण में योगदान देंगे, जहां सुरक्षित समुद्र हो, व्यापार तथा निवेश की अनुकूलताएं हों. जहां संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो. जो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता हो. पीएम मोदी ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, क्लाइमेट चेंज हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है. भारत सौभाग्यशाली है कि उसे भगवान बुद्ध का प्रत्यक्ष आशीर्वाद मिला है. उनके विचारों को आत्मसात करते हुए भारत निरंतर मानवता की सेवा कर रहा है.’

नके भाषण की प्रमुख दस बातें इस प्रकार हैं

 

 

जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. आप में से कईं साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं. जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है.
ये हम लोगों की विशेषता है कि हम कर्मभूमि से तन मन से जुड़ जाते हैं, खप जाते हैं. लेकिन मातृभूमि की जड़ों से जो जुड़ाव है, उससे कभी दूरी नहीं बनने देते हैं. यही हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है.
विवेकानंद जी जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे उससे पहले वो जापान आए थे. जापान में उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा हुआ था. जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता की उन्होंने खुलकर प्रशंसा की थी.
भारत और जापान natural partners हैं. भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है. आस्था हो या एडवेंचर, जापान के लिए तो भारत एक स्वाभाविक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. इसलिए भारत चलो, भारत देखो, भारत से जुड़ों, इस संकल्प के लिए मैं जापान के हर भारतीय से आग्रह करूंगा कि वो उससे जुड़े.
आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत है. यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, क्लाइमेट चेंज हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है.
भारत सौभाग्यशाली है कि उसे भगवान बुद्ध का प्रत्यक्ष आशीर्वाद मिला है. उनके विचारों को आत्मसात करते हुए भारत निरंतर मानवता की सेवा कर रहा है. चुनौतियां चाहे कितनी प्रकार की हो, कितनी बड़ी क्यों न हो, भारत उनका समाधान ढूंढता ही है.
कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ. ये जब शुरू हुआ तो किसी को पता नहीं था कि आगे क्या होगा. किसी को ये पता तक नहीं था कि इसकी वैक्सीन आएगी भी या नहीं आएगी. लेकिन भारत ने उस समय भी दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं.
WHO ने भारत की आशा बहनों को Director Generals- Global Health Leaders Award से सम्मानित किया है. भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं.
भारत आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स रोडमैप के लिए भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है. ग्रीन हाइड्रोजन को हाइड्रोकार्बन का विकल्प बनाने के लिए विशेष मिशन शुरू किया गया है.
आपने अपनी स्किल्स से, अपने टैलेंट से अपनी एंटरप्रेन्योरशिप से जापान की इस महान धरती को मंत्रमुग्ध किया है. भारतीयता के रंगों और भारत की संभावनाओं से भी आपको जापान को लगातार परिचित कराना है. मुझे विश्वास है कि आपके सार्थक प्रयासों से भारत-जापान की दोस्ती को नई बुलंदी मिले.

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