World Cup 2019 : धोनी के ‘ग्लव्स विवाद’ पर सीओए चीफ विनोद राय का बड़ा बयान, बना रहेगा ‘बलिदान बैज’

इंग्लैंड एंड वेल्स में टीम इंडिया जहां एक ओर मिशन विश्व कप में जीत के लिए अपनी सब कुछ न्यौछावर करने को लगी हुई है। वहीं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स में पैरा कमांडो के ख़ास चिन्ह “बलिदान बैज” को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसी बीच बीसीसीआई के सीओए चीफ विनोद राय ने मामले को शांत करते हुए कहा कि धोनी अपने ग्लव्स से “बलिदान बैज” नहीं हटाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियम साफ कहते हैं, ‘उपकरण और कपड़ा नियामक इस बात की अनुमित नहीं देता कि किसी चीजों का अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय संदेश देने के लिए हो।’

इसके आगे विनोद राय ने कहा, “धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्सेज से सम्बन्धित कुछ नहीं है तो वो आईसीसी के कानून के अंतर्गत आरोपी नहीं है।”

विनोद राय का ये बयान धोनी के ग्लव्स में बने ‘बलिदान बैज’ को आईसीसी के द्वारा पहले से हटाए जाने के बाद आया है। आईसीसी ने बीसीसीआई को आगाह किया था कि वो धोनी से अगले मैच में इसे अपने ग्लव्स से हटाने को लेकर बात करे। क्योंकि ये खेल के नियमों के विरुद्ध है। जो की राजनीतिक, धार्मिक, समेत और भी तमाम तरह के गलत कारणों को दर्शाता है।

इस मामले में सिर्फ आईसीसी ही नहीं बल्कि हाल ही में पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी को भी ये बात हजम नहीं हुई। उन्होंने धोनी पर निशाना साधते हुए लिखा, “धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं न कि महाभारत के लिए, भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस है? भारतीय मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रावंडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेजा जाना चाहिए।’

पाकिस्तान हमेशा अड़ाता आया है अपनी टांग 

हालाँकि पाकिस्तान ने पहली बार नहीं भारतीय टीम द्वारा सेना की किसी चीज़ को इस्तेमाल करने पर अपनी टांग अड़ाई है। इससे पहले भी भारतीय टीम द्वारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के एक मैच में आर्मी टोपी पहनने पर भी पाकिस्तान ने इस बात की शिकायत आईसीसी से की थी। मगर इस मामले में भी उसकी कोई दाल नहीं गली थी।

जिसके बाद सोशल मीडिया पर तूल पकड़ते इस मामले को लेकर अब विनोद राय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ” हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है। बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी जल्द ही इंग्लैंड जाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पहले इस मामले को निपटाने की पूरी कोशिश करेंगे।”

बता दें कि 37 साल के महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ या सेना का प्रतीक चिह्न उस समय देखा गया था जब वह बुधवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे मैच के 40वें ओवर के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप्स आउट किया था। इसके बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।

क्या है बलिदान बैज?

धोनी के ग्लव्स पर दिखे इस अनोखे निशान बैज को सिर्फ पैरा-कमांडो लगाते हैं। इस बैज को ‘बलिदान बैज’ के नाम से जाना जाता है। इस बैज में ‘बलिदान’ शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है।

गौरतलब है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी अपार उपलब्धियों के कारण 2011 में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। इतना ही नहीं धोनी अगस्त 2015 में प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए थे। आगरा के पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से पांचवीं छलांग पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न लगाने की अर्हता प्राप्त कर ली थी। जिसके बाद उन्हें इस बैज को लगाने का गौरव प्राप्त हुआ था। हालाँकि इस पर आईसीसी ने तो अपनी आपत्ति साफ़ जता दी है। अब अंतरिम फैसला क्या होता है ये देखना दिलचस्प होगा।

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