बिहार में चुनावी समकीकरण बनाने के लिए जेडीयू-बीजेपी का मंथन शुरू

नई दिल्ली। बिहार में पिछले कुछ महीनों से बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार अलग-अलग मुद्दों पर बीजेपी से अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। अब एक बार फिर नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी को आंख दिखा रही है और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर 25 सीटों को लेकर दबाव बना रही है। बता दें कि रविवार को पटना में नीतीश कुमार के घर पर पार्टी के बड़े नेताओं ने बैठक की। बैठक के बाद जेडीयू के नेता के सी त्यागी ने कहा कि बिहार में जेडीयू बीजेपी का बड़ा भाई है, इसलिए भूमिका भी बड़े भाई की होगी। इस बैठक में प्रशांत किशोर भी मौजूद थे।
इशारा साफ है कि लोकसभा चुनाव में जेडीयू ज्यादा सीटें चाहता है। साल 2019 के पहले सीटों का बंटवारा कैसे होगा, इस पर मंथन शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी और बिहार में जोकीहाट उपचुनाव नतीजे के बाद आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बीजेपी और जेडीयू पर हमलावर हो चुके हैं। हर एक दिन ट्वीट के जरिए वो दोनों दलों के कद्दावर नेताओं पर निशाना साधते रहते हैं।
जोकीहाट के नतीजों के बाद उन्होंने कहा कि नीतीश जी को अब समझ जाना चाहिए कि उनका करिश्मा काम नहीं कर रहा है। इससे पहले तेजस्वी ने कहा था कि अंतरात्मा की बात करने वाले नीतीश की अंतरात्मा कब जागेगी कप पाना मुश्किल है, वो अपनी सुविधा के मुताबिक फैसले लेते हैं। लेकिन बीजेपी के नेता अपने बड़े नेता यानि पीएम मोदी की किरकिरी क्यों करा रहे हैं।
मीडिया में इस तरह की खबरें आने लगी कि नीतीश कुमार को कुछ मुद्दों पर बीजेपी से नाराजगी है उसके बाद तेजस्वी कभी तंज कसते हैं तो कभी निशाना साधते हैं या कभी खिल्ली उड़ाते हैं। तेजस्वी यादव किसी न किसी रूप में अपनी बात रखकर ये जताने की कोशिश करते हैं कि अब वो बिहार में नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि अब सुशील मोदी जी को ये बताना ही पड़ेगा कि क्या बिहार में नरेंद्र मोदी से ज्यादा प्रभावशाली और बड़े नेता नीतीश जी हैं। नीतीश जी के प्रवक्ता बने सुशील मोदी जी क्या ऐसे ही अपने बड़े नेता को बदनाम कराते रहेंगे।
इन सबके बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी बीजेपी और जेडीयू दोनों पार्टियों में गहन विचार जारी है। जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर जेडीयू के अंदर किसी तरह का भ्रम नहीं है। जेडीयू 25 सीटों और बीजेपी 15 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। लेकिन अब कई दूसरे दल एनडीए में भागीदार है। ऐसे हालात में सभी दलों के बड़े नेता मिलकर सीटों के बंटवारे पर फैसला करेंगे। इन सबके बीच एक बात साफ है कि बिहार में एनडीए गठबंधन का चेहरा नीतीश कुमार होंगे। बता दें कि इस तरह की खबरें आ रही थीं कि आम चुनाव 2019 को लेकर जेडीयू में चिंतन मनन का दौर जारी थी कि एनडीए नमें उसकी भूमिका क्या होगी। सीटों के मुद्दे पर इस तरह की खबरें थी कि बीजेपी के साथ सहमति नहीं बन पा रही है।

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