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केरल बाढ़: अबतक 368 लोगों की मौत, रविवार को बारिश की आशंका, 11 जिलों में अलर्ट जारी

तिरुवनंतपुरम: केरल में शनिवार को बाढ़ से और 22 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 368 तक पहुंच गई है। इस बीच भारी बारिश के अनुमान से अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। राज्य के 11 जिलों में अलर्ट जारी है। दक्षिणी राज्य में इस साल के मानसून के दौरान नौ अगस्त से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण एर्नाकुलम, त्रिशूर, इडुक्की, पथनामथित्ता और चेंगन्नूर जिलों से शनिवार को लोगों की मौत की खबर आने के बाद मृतकों की संख्या 194 पहुंच गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा शनिवार अपराह्न् जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर केरल के 11 जिले अलर्ट पर हैं और यहां अधिक बारिश की संभावना है। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अलुवा, चलाकुडी, अलप्पुझा, चेंगन्नूर और पथनामथित्ता जैसे इलाके शामिल हैं, जहां बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है और बचाव दलों ने बहुत से लोगों को बचाया है।

मौसम विभाग ने जारी की भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक, केरल से बारिश का खतरा अभी टला नहीं है। यहां आने वाले 48 घंटों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कर्नाटक में भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कम से कम 1500 लोग राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे है। मुख्यमंत्री प्रभावित जिलों में राहत अभियान चलाने के लिए 200 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा कर चुके है।

बाढ़ से 3.53 लाख लोग प्रभावित

मीडिया संस्थानों से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा जानकारी के लिए अनुरोध किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कोच्चि में एक समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि 29 मई से अबतक 357 लोगों की मौत हो चुकी है। 3.53 लाख प्रभावित लोगों को दो हजार से ज्यादा राहत शिविरों में भेजा गया है।

पीएम ने 500 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया
मोदी ने बाढ़ग्रस्त राज्य के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इससे पहले केंद्र द्वारा 12 अगस्त को 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी। विजयन ने यहां मीडिया को बताया कि हालात बहुत ही गंभीर व खराब हैं। उन्होंने कहा, “मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन हम जो कार्य कर रहे हैं, उससे हालात काबू में हैं।” हालांकि कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने सरकार पर प्रभावी रूप से राहत व बचाव कार्य करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

लोगों को खाना और पानी की जरूरत
राज्य के खाद्य मंत्री पी. थिलोथमन ने मीडिया से कहा, “एक बात जो मैं कहना चाहता हूं वह यह कि संख्या बहुत बड़ी है और जरूरत है कि लोगों को खाद्य पैकेट और पीने का पानी मुहैया कराया जाए। नौसेना की करीब 15 छोटी नौका यहां आ सकती हैं। लेकिन दिक्कत शाम के बाद है, जब बचाव अभियान चलाया नहीं जा सकता। लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की भी आवश्यकता है।”

विपक्ष ने राज्य सरकार की विफलता का आरोप लगाया
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार के प्रयास विफल हो चुके हैं।चेन्निथला ने कहा, “मेरे पास फोन कॉल की बाढ़ आई हुई है और अब भी हजारों लोग फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने तिरस्कार स्वरूप मेरे सुझाव को खारिज कर दिया, जब मैंने उनसे बचाव एवं राहत कार्य सेना को सौंपने को कहा था। मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता, लेकिन यह बात साबित हो चुकी है कि राज्य सरकार विफल हो चुकी है।”

केरल के बाढ़ प्रभावितों के लिए रेलवे ने भेजे पानी के टैंकर

केरल में पीने के पानी का संकट होने के चलते रेल प्रशासन ने केरल में कयनकुलम जंक्शन के लिए रेलवे के टैंक वैगन के जरिए पीने का पानी भेजने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में पुणे रेल मंडल प्रबंधक मिलिंद देऊस्कर ने बताया कि केरल की गंभीर समस्या को देखते हुए इसके तहत पुणे रेल मंडल ने तुरंत ही विशेष इंतजाम किए। पुणे स्थित कोचिंग साइडिंग में 14 टैंक वैगन पानी से भरे गए तथा रतलाम से 15 टैंक वैगन पानी पुणे आया। इस प्रकार कुल 29 टैंक वैगनों से लदी पानी की विशेष ट्रेन शनिवार की शाम को पुणे से केरल के कयनकुलम जंक्शन के लिए रवाना कर दी गई। यह विशेष ट्रेन दौंड, वाडी, रेनुगुंटा होते हुए कयनकुलम पहुंचेगी, जहां केरल सरकार इस पानी को बाढ़ प्रभावितों में वितरित करेगी।

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