ओवैसी बोले- आज मुस्लिम नहीं गाय को है जीने का अधिकार, मोदी चाहें तो रुक जाएगी लिंचिंग

नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में गो-तस्करी के आरोप में रकबर खान (अकबर खान) की हत्या पर सियासत तेज हो गई है. मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी की सरकारों पर निशाना साधा है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा कि जहां भी बीजेपी की सरकार है. वहीं मॉब लिंचिंग की घटना हो रही है. इसकी बड़ी वजह है कि मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता आरोपियों के पक्ष में खड़े रहते हैं. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने जयंत सिन्हा और महेश शर्मा का जिक्र करते हुए कहा कि सिन्हा ने मॉब लिंचिंग के दोषियों का स्वागत किया वहीं महेश शर्मा ने अखलाक के कातिलों के पक्ष में खड़े दिखे. उसके मरने पर तिरंगे में शव को लपेटा गया.

उन्होंने आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर कहा कि वह कहते हैं कि जब तक आप गाय खाना नहीं बंद करेंगे लोग मरते रहेंगे. इन बयानों से साफ है कि इनकी शह में मॉब लिंचिंग की घटना हो रही है.ओवैसी ने कहा, ”देशभर में मुस्लिमों के खिलाफ नफरतों का माहौल पैदा किया जा रहा है. देश बदनाम हो रहा है. हम बीजेपी की सरकार से अपील करते हैं कि पुलिस पर दबाव नहीं बनाया जाए.” आज पुलिस भी आरोपियों को बचा रही है. उन्होंने कहा कि जुनैद मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया. बाद में पुलिस ने चार लोगों को छोड़ दिया.एआईएमआईएम सांसद ने कहा, ”हिंदुस्तान में आज मुस्लिमों को राइट टू लाइफ नहीं है. बल्कि गायों को है. आप रकबर खान मामले में ही देखें पुलिस ने पहले गाय को पहुंचाया. उसके बाद में रकबर खान को अस्पताल लेकर जाया गया. जब तक बीजेपी की सरकार रहेगी तब तक ऐसा होता रहेगा.”

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के लिए देश को नफरत की ओर धकेला जा रहा है. सत्ता में आने के लिए मुस्लिम को मारेंगे तो हमारे संविधान का क्या फायदा? आप जरूर सत्ता में आइए. लेकिन देश को बचाना होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राहुल के गले मिलने पर तंज कसते हुए कहा कि गले मिलने से नफरत खत्म नहीं होगी. यह संभव नहीं है. ओवैसी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें तो एक भी हिंसा की वारदात नहीं होगी.

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