हिन्दू महासभा ने कर्नाटक में कांग्रेस-जद(से) गठबंधन को बुलाने के राज्यपाल के फैसले को SC में चुनौती दी

नयी दिल्ली: अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कांग्रेस-जद (से) गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करने के राज्यपाल वजूभाई वाला के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। हिन्दू महासभा ने सोमवार शाम शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर की। संगठन ने इस गठबंधन को सरकार बनाने का निमत्रंण देने के राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया है। याचिका में तमाम मुद्दे के साथ ही कहा गया है कि इन राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव बाद किया गया गठबंधन ‘असंवैधानिक’ है।कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 23 मई को शपथ लेंगे। वकील बरूण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर इस याचिका में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कुमारस्वामी को सरकार गठित करने के लिये आमंत्रित करने का राज्यपाल का संदेश रद्द करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने येदियुरप्पा द्वारा बहुमत प्राप्त करने के लिये सदन में 19 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये समूची प्रक्रिया का सीधा प्रसारण करने का निर्देश दिया था। हालांकि विधान सभा में सदस्यों के शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शक्तिपरीक्षण से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

शपथ में बस एक दिन का वक्त बचा है लेकिन मंत्रिमंडल पर माथापच्ची अब तक खत्म नहीं हो पाई है। कौन डिप्टी सीएम बनेगा, किसे मंत्री पद मिलेगा और कौन हाथ मलता रह जाएगा ये सबकुछ अभी फाइनल होना है। मंत्रिमंडल पर माथापच्ची अब भी जारी है। कुमारस्वामी कल शाम चार बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। खबर है कि 33 सदस्यों का मंत्रिमंडल शपथ लेगा लेकिन कांग्रेस कोटे से कितने मंत्री बनेंगे, जेडीएस कोटे से कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी ये सब तय करने के लिए आज बेंगलुरु में दोनों दलों की अहम बैठक होनी है।

एक तरफ मंत्रिमंडल पर मंथन चल रहा है तो दूसरी तरफ विधायकों को टूट से बचाने की कवायद अब भी जारी है। कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को अब भी घर जाने की इजजात नहीं मिली है। सभी 117 विधायकों को बैंगलोर के एक प्राइवेट रिसॉर्ट में रखा गया है और उन्हें आज़ादी तभी मिलेगी जब कुमारस्वामी विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर लेंगे।

बहुमत साबित होने के बाद भी विधायकों को एकजुट रखने और गठबंधन बरकरार रखने के लिए दोनों दलों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा क्योंकि कर्नाटक का ये फॉर्मला कामयाब रहा तभी 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी विरोधी ऐसे और भी गठबंधन बनाए जा सकेंगे। कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया-राहुल तो रहेंगे ही, मायावती भी पहुंच रही हैं। कई और विपक्षी दलों के भी बड़े नेता कल बेंगलुरु में मौजूद रहेंगे। कर्नाटक पर तो कब्जा हो गया अब सपना 2019 में केंद्र में भी सरकार बनाने का है।

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