मरीना बीच पर अन्नादुरई की समाधि के बगल में करुणानिधि की कब्र के लिए खुदाई का काम शुरू

नई दिल्ली: करुणानिधि, जिन्हें कोई तमिलनाडु की राजनीति का भीष्म पितामह कहता था तो कोई कलैग्नार। हिंदुस्तान की सियासत में करुणानिधि के युग का अंत हो गया है लेकिन उनके अंतिम संस्कार पर सियासत जारी रहा। तमिलनाडु सरकार द्वारा मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार की इजाज़त नहीं दिए जाने के बाद डीएमके कोर्ट पहुंची जहां आधी रात के बाद आज फिर सुबह 8 बजे से सुनवाई हुई। मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि करूणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर होगा। यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ जब वृहन चेन्नै निगम को प्रसिद्ध मरीना बीच पर शवों का अंतिम संस्कार की इजाजत देने से रोकने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका को मद्रास उच्च न्यायालय से वापस ले लिया गया। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता को उनके मार्गदर्शक सीएन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी।

राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, डी. राजा समेत कई विपक्षी नेताओं और अभिनेता रजनीकांत ने द्रमुक की मांग का समर्थन किया एवं सरकार से मरीना बीच पर दिवंगत नेता के लिए जगह आवंटित करने की अपील की। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘जयललिता जी की तरह, कलाईनार तमिल लोगों की आवाज की अभिव्यक्ति थे। वह आवाज मरीना बीच पर जगह पाने की हकदार हैं।’ सीताराम येचुरी ने कहा, ‘कलाईनार के लिए मरीना बीच पर दफनाने की जगह देने से इनकार करना दुर्भाग्यजनक है।’

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