बॉलीवुड के गलियारों में हमेशा के लिए ‘अंधेरा’ कर गई ‘चांदनी’

 

अभिनेत्री श्रीदेवी ऊर्फ अम्मा यंगर अय्यप्पन के निधन की सूचना पीढ़ियों के लिए व्यक्तिगत क्षति की तरह है. मीडिया और सोशल मीडिया में ये पीढ़ियां जुदाई का एक ऐसा शोक गीत रचते दिख रही हैं, जिसका राग दशकों तक फैला हुआ है. अनंत गूंज जो सुदूर एकांत के कोनों में भी गूंजती रहेगी.

श्रीदेवी का जाना एक मोहक और सुंदर स्मृतियों का मिट जाना है

श्रीदेवी घटनाओं के बीच स्थिर पथ पर चलते रहना का जीवन रहीं. कैमरे की चुलबुलाहट मन के किसी कोने का प्रतिबंब रही. जीवन में जिसे आकार दिया वह वैसी आकृति थी नहीं जो कल्पना में थीं. सबकुछ वैसा रहा जो अप्रत्याशित था. उम्मीद को मुरझाने वाला.


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