अलविदा करुणानिधि: राजकीय सम्मान के साथ विदा हुए ‘कलैग्नार’, द्रविड़ राजनीति के एक युग का अंत

चेन्नई: तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे डीएमके चीफ एम करुणानिधि का आज चेन्नई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। करुणानिधि को चेन्नई के मरीना बीच पर उनके राजनीतिक गुरु अन्नादुरई के स्मारक के पास दफनाया गया। कल तमिलनाडु की सरकार ने कानूनी वजहों का हवाला देकर मरीना बीच पर करूणानिधि के अंतिम संस्कार की परमीशन देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंचा…कल रात ही मद्रास हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने सुनवाई की और डीएमके के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि करुणानिधि द्रविड आंदोलन के बड़े नेता थे और तमिलनाडु के पांच बार चीफ मिनिस्टर रहे। अगर दूसरे नेताओं की समाधि मरीना बीच पर हो सकती है तो करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने से रोकने का कोई कारण नहीं बनता। मरीना बीच पर ही अन्नादुराई, एमजी रामचंद्रन और जयललिता की भी समाधि है अब यहीं पर करुणानिधि का मेमोरियल बनेगा।आज करुणानिधि के अंतिम संस्कार के समय उनके परिवार के अलावा उनके हजारों समर्थक मौजूद थे। राजाजी मेमोरियल हॉल से मरीना बीच की दूरी लगभग एक किलोमीटर है लेकिन इस रास्ते से करुणानिधि की अंतिम यात्रा नहीं निकली और दूसरे रूट से शव यात्रा निकाली गई। करुणानिधि के अंतिम संस्कार के समय बेटे स्टालिन, अलागिरी, बेटी सेल्वी और कनीमोझी समेत पूरा परिवार फूट फूट कर रोते हुए दिखाई दिया। करुणानिधि के सम्मान में पुडुचेरी में भी सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। वहां उनकी बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी। कोट्टुरेची-तिरुनालार रोड का नाम बदलकर करुणानिधि के नाम पर किया जाएगा।

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