ट्रंप बनाम बाइडेन मुकाबला पक्का…, ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दी डिबेट की चुनौती

Trump Vs Bieaden: ट्रंप बनाम बाइडेन मुकाबला पक्का..., ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दी डिबेट की चुनौती

America:अमेरिका में प्री इलेक्शन के बाद यह लगभग साफ हो गया है कि अब डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच राष्ट्रपति पद को लेकर जोरदार टक्कर होने वाली है। ‘सुपर ट्यूसडे’यानी 5मार्च हो हुए प्री इलेक्शन में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन ने लगभग क्लीन स्वीप कर लिया है। अब रिपब्लिकन पार्टी से ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के बाइडेन इन दोनों में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। इसी बीच आत्मविश्वास से भरे ट्रंप ने एक कदम आगे बढ़ते हुए बाइडेन को डिबेट की चुनौती दे डाली है।

ट्रंप की बाइडेन को चुनौती 

ट्रंप ने बाइडेन को डिबेट की चुनौती दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह हमारे देश और लोगों के लिए अच्छा रहेगा कि बाइडेन और मैं अमेरिका के लिए अहम मुद्दों पर बहस करें. मैं कहीं भी, कभी भी डिबेट के लिए तैयार हूं. अब बेशक ट्रंप प्राइमरी चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आत्मविश्वास में हैं. लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने ट्रंप को हरा दिया था.

डोनाल्ड ट्रंप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन के हाथों हार गए थे. पिछले चुनाव में ट्रंप के हारने की कई बड़ी वजह थी. ट्रंप पर महिलाओं के शोषण, यौन उत्पीड़न, खुफिया जानकारी लीक करने, चुनाव में हस्तक्षेप करने सहित 34 से अधिक आरोप लगे हैं. ट्रंप पर एक आरोप फ्लोरिडा स्थित अपने फॉर्म हाउस मार-ए-लागो में गैरकानूनी रूप से खुफिया फाइलें जमा करने का आरोप है.कहा जा रहा है कि इन फाइलों में कई ऐसी जानकारियां थीं, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकती थीं. इस मामले की जांच एफबीआई कर रही है.

इसके साथ ही 2020 के चुनावों के परिणामों से पहले ही हस्तक्षेप करना और नतीजों को प्रभावित करने का भी आरोप है. उन पर चुनावों को लेकर बार-बार झूठ बोलने का भी आरोप है.  ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही Mee Too मूवमेंट शुरू हुआ था. उस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने आकर ट्रंप के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. बाद में यह मूवमेंट वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहा.

बाइडेन पर किस तरह भारी हैं ट्रंप!

ट्रंप 2020 का राष्ट्रपति चुनाव भले ही बाइडेन के हाथों हार गए हो. लेकिन इस बार की स्थितियां बदल गई हैं. इसकी वजह है कि इस बार अमेरिका के स्थानीय मुद्दे और वैश्विक परिस्थितियां अलग हैं. इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था से लेकर शरणार्थियों का मुद्दा, विदेश नीति, क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे अहम हैं.अमेरिका के स्थानीय लोग अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर बहुत मुखर रहे हैं. और इस मुद्दे पर ट्रंप का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है.

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