कलाकारों के लिए कोई बाउंड्री नहीं होती, पर कला देश से बड़ी नहीं है-रणबीर कपूर

रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पाकिस्तानी फिल्मों में काम करना चाहते हैं और उन्हें काम करके अच्छा लगेगा। अब तू झूठी, मैं मक्कार के एक कार्यक्रम में रणबीर कपूर से जब इस बारे में पूछा गया। तब उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब किसी भी प्रकार का कोई भी विवाद नहीं चाहते। दरअसल पिछले वर्ष दिसंबर में रणबीर कपूर ने रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भाग लिया था, वहां पर एक पाकिस्तानी फिल्म मेकर ने उनसे पूछ लिया था कि क्या वह किसी और देश के प्रोडक्शन कंपनी में काम करना चाहेंगे।

इस पर रणबीर कपूर ने कहा था, ‘जी हां सर, मुझे लगता है कलाकारों के लिए कोई बाउंड्री नहीं होती। खासकर के आर्ट्स के मीडियम में और मुझे बहुत अच्छा लगेगा।’ अब रणबीर कपूर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘मुझे लगता है। यहां थोड़ा मेरा स्टेटमेंट गलत पेश किया गया था। मैं एक फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने गया था, जहां पर बहुत सारे पाकिस्तानी फिल्म मेकर थे। वह मुझसे प्रश्न पूछ रहे थे कि क्या आपको अगर कोई अच्छी सब्जेक्ट मिलेगी तो आप काम करेंगे। मैं इस पर कोई विवाद नहीं चाहता। मुझे नहीं लगता, इतनी भी बड़ी कोई कॉन्ट्रोवर्सी हुई है लेकिन मेरे लिए फिल्में, फिल्में हैं। मैंने फवाद खान के साथ ए दिल है मुश्किल में भी काम किया था।’

रणबीर कपूर आगे कहते हैं, ‘मैं पाकिस्तान के कई कलाकारों को जानता हूं। इनमें राहत फतेह अली खान और आतिफ असलम भी शामिल है। दोनों बहुत अच्छे हैं। दोनों ने हिंदी सिनेमा में योगदान भी दिया है। सिनेमा, सिनेमा है। मुझे लगता है सिनेमा की कोई सीमा नहीं होती लेकिन जी हां, जब आप कला का सम्मान करते हैं। तब आपको यह बात ध्यान रखना चाहिए कि कला देश से बड़ी नहीं है तो जब कोई आपके देश के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रखता। तब आपकी हमेशा पहली प्रायोरिटी देश होती है।’

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