केंद्र सरकार ने कानून बनाकर दिल्लीवासियों के अधिकार छीन लिए,विधानसभा में बोले मुख्यमंत्री केजरीवाल

New Delhi: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केंद्र पर निशाना साधा है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कानून बनाकर दिल्लीवासियों के अधिकार छीन लिए, लेकिन जनता को आश्वासन देता हूं कि आपको आपके अधिकार वापस दिलाकर रहूंगा, हम किसी भी हालत में दिल्ली के काम रुकने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ जो केजरीवाल को झुका दे या तोड़ दे.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ये बिल लाने की जरूरत क्यों पड़ी? 2013 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और 49 दिन में दिल्ली से भ्रष्टाचार खत्म हो गया. पुलिस वालों ने चौराहों पर पैसे लेने बंद कर दिए, हमने 32 अफसरों को जेल भेजा. देश के जिस बड़े आदमी का नाम लेने से ये डरते थे, मैंने उसके खिलाफ एफआईआर करवाई. पूरे देश में आप की चर्चा शुरू हो गई और मोदी बैचेन हो गए कि ये कहां से आ गए? जब मोदी 2014 चुनाव जीते तो उनको चैन की सांस आई.

उन्होंने कहा कि अमित शाह ने इंटरव्यू में कहा था कि 16 जनवरी के बाद अरविंद केजरीवाल राजनीति में कायम रहे तो डिबेट करेंगे. पूरे देश में मोदी लहर थी- महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा जीते, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें आम आदमी पार्टी को और 3 सीट पर बीजेपी सिमट गई. ऊपर वाले ने आप को देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बना दी.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार बनने के 3 महीने बाद ही 2015 में एक बिल लाकर एसीबी और सर्विस छीन ली गई, जोकि संविधान ने दिल्ली सरकार को दी थी. सर्विस छीनने के पीछे इनका मकसद ये था कि अफसरों को धमका कर दिल्ली सरकार के काम रोक सकें. उन्होंने आगे कहा कि 8 साल के संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, 4 महीने सोचा और फिर जजमेंट दी. उस ऑर्डर में एक तरफा बोला गया कि भारत लोकतंत्र है, लोग सरकार चुनते हैं, अफसरशाही पर चुनी हुई सरकार की चलेगी, एलजी या प्रधानमंत्री की नहीं, लेकिन इन्होंने सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियों से एक रात पहले अध्यादेश लाकर ऑर्डर पलट दिया.

दिल्ली के सीएम ने कहा कि लोगों ने 8 साल में दिल्ली में इज्जत ही कमाई है. पहले दिल्ली को घोटाले से जाना जाता था. आज दिल्ली वाला कहीं भी जाता है तो लोग उनसे पूछते हैं कि वहां तो मुफ्त बिजली मिलती है, स्कूल कितने अच्छे हो गए, इलाज फ्री होता है. अगर सबसे ज्यादा काम करने का नॉबेल मिलता तो वो दिल्ली की दो करोड़ जनता को मिलता है.

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