एशिया जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप: लक्ष्‍य सेन ने खत्‍म किया भारत का इंतजार

सेटों में हराकर छह साल बाद भारत को पहला गोल्‍ड और 53 वर्षों बाद पुरुष वर्ग का गोल्‍ड मेडल दिलाया. लक्ष्‍य ने घरेलू खिलाड़ी को 21-19, 21-18 से सीधे सेटों में हराकर गौरव ठक्‍कर (1965) और पीवी सिंधु (2012) के बाद इस टूर्नामेंट में गोल्‍ड जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं.

पूर्व नंबर एक लक्ष्‍य और इंडोनेशियाई खिलाड़ी पहली बार आमने सामने हुए थे. मुकाबले के शुरुआत में मैच स्‍लो था, लेकिन बाद में भारतीय शटलर ने मूवमेंट बढ़ाई और अपने नर्वस को एक तरफ रखकर विपक्षी खिलाड़ी पर हावी हुए. उम्‍मीदों के मुताबिक जूनियर विश्‍व नंबर एक इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने पहले गेम की शुरुआत कुछ अटैकिंग मूव्‍स के साथ की और दो अंकों की बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन सेन ने कमबैक करते हुए जल्‍दी दो अंक हासिल किए और स्‍कोर 7-7 से बराकर किया. दोनों के बीच कांटे की टक्‍कर चल रही थी, कोई भी एक दूसरे को ज्‍यादा बढ़त हासिल करने का मौका नहीं दे रहा था और ऐसे ही पहले गेम का स्‍कोर 19-19 तक पहुंचा और यहां पर भारतीय खिलाड़ी ने दो अंक हासिल कर पहला गेम जीत लिया.

दूसरा गेम भी पिछले गेम की ही तरह शुरू हुआ. पहले स्‍कोर 4-4 से बराबर और फिर 17-17 से बराबर. सेन ने 18वां अंक हासिल किया और विपक्षी को कोई मौका नहीं दिया और इस गेम को जीतकर 16 साल के इस भारतीय शटलर के इतिहास रच दिया. इस टूर्नामेंट में अपने गोल्‍ड मेडल तक के सफर में क्‍वार्टर फाइनल में दूसरी रैंकिंग के खिलाड़ी ली शीफेंड को, सेमीफाइनल में चौथी वरीयता प्राप्‍त रूमबे को हराया था. दो साल सेन ने इसी इवेंट में 14 साल की उम्र में ब्रान्‍ज मेडल जीता था.

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