इस मुस्लिम देश में हिजाब पहनना था अनिवार्य, भारतीय खिलाड़ी ने खेलने से किया इनकार

नई दिल्ली: भारत की शतरंज स्टार सौम्या स्वामीनाथन ईरान के हमदान में होने वाले चेस ईवेंट से बाहर हो गई हैं. सौम्या महिलाओं के लिए ईरान में सिर पर स्कार्फ (हिजाब) के नियमों के चलते वह इस आयोजन से बाहर हो गई हैं. सौम्या को एशियन नेशनल कप चैस चैंपियनशिप में भाग लेना था. यह ईवेंट 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच होना है. इसमें सभी महिलाओं के लिए यह नियम है कि वे सिर पर स्कार्फ पहन कर ही खेल सकती हैं. सौम्या ने इस नियम को उनके निजी अधिकार का उल्लंघन बताया और इस इवेंट में हिस्सा ना लेने का फैसला कर लिया.

महिला ग्रैंडमास्टर और पूर्व जूनियर गर्ल्स चैस चैंपियन सौम्या स्वामीनाथन ने फेसबुक पर इस नियम के खिला अपनी राय रखी. उन्होंने लिखा- मैं आगामी एशियन नेशनल कप चैस चैंपियनशिप 2018 में भाग लेने वाली महिला टीम से माफी चाहती हूं. 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच ईरान में होने वाले इस टूर्नामेंट में महिलाओं से सिर पर स्कार्फ पहने के लिए कहा जा रहा है. मैं नहीं चाहती कि कोई हमें स्कार्फ या बुरखा पहनने के लिए बाध्य करे.

सौम्या ने लिखा- मैंने पाया कि ईरान में सिर पर अनिवार्य स्कार्फ या बुर्का का नियम मेरे मानवीय अधिकारों का खासतौर पर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, फ्रीडम ऑफ थॉट, मेरी चेतना और मेरे धर्म का उल्लंघन है. इस स्थिति में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मेरे पास एक ही रास्ता बचा था कि मैं ईरान न जाऊं. सौम्या स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि आयोजकों की नजर में नेशनल टीम के लिए ड्रेस कोड लागू करना गलत है. खेलों में किसी तरह का धार्मिक ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा सकता.

स्वामीनाथन ने अपनी पोस्ट में यह कहा कि अंतरराष्ट्रीय ईवेंट में भारत का प्रतिनिधत्व करना गौरव की बात है. उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि वह ईरान नहीं जा रही हैं, लेकिन कुछ चीजों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता.

भारत की नंबर 5 महिला शतरंज खिलाड़ी 29 वर्षीय सौम्या ने कहा कि एक खिलाड़ी खेल को अपनी जिंदगी में सबसे पहले रखता है और इसके लिए कई तरह के समझौते करता है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके साथ समझौता नहीं किया जा सकता. बता दें कि खेल शख्सियतों के लिए सिर पर स्कार्फ पहनने को लेकर विश्व खेल जगत में अनेक विवाद हो चुके हैं. कुछ देशों ने इसके खिलाफ कहा तो ईरान जैसे कुछ देशों ने महिलाओं के लिए इसे अनिवार्य बना दिया.

Related Articles

Back to top button