सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर लगाया गंभीर आरोप, 11 मई को ‘जन संघर्ष पद यात्रा’ निकालेंगे

Rajsthan: राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले तीन साल से जारी अंदरूनी कलह मंगलवार को खुलकर सामने आ गई। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर खुलकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अशोक गहलोत का पिछला भाषण हमने सुना, इस भाषण को सुनने के बाद मुझे लगता है कि उनकी (अशोक गहलोत) नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं।

पायलट ने कहा, साल 2020 में मैं उप मुख्यमंत्री था, उस समय राजद्रोह के आरोप में मुझ पर कार्रवाई करने की कोशिश की गई थी। नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, इसलिए दिल्ली गए AICC से बात रखी, जिसके बाद एक कमेटी का गठन हुआ। कमेटी ने सबकी बात सुनी और उसके आधार पर एक रोड मैप तैयार किया गया। इसके बाद से हर छोटे-बड़े कार्य में सभी साथियों ने मिलकर काम किया और मेहनत की, अनुशासन तोड़ने का कार्य कभी किसी ने नहीं किया।

पायलट ने गहलोत के आरोपों को सिरे से नकारा…
सचिन पायलट ने आगे कहा कि उन्हें पहले भी कोरोना, गद्दार-निकम्मा तक कहा गया। अशोक गहलोत ने जो आरोप लगाए, वह पहले कई बार लगाए जा चुके हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर हम कुछ नहीं कहना चाहते थे। अशोक गहलोत के भाषण ने कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया और बीजेपी के नेताओं का गुणगान किया, ये समझ से परे है। ऐसे विधायकों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो राजनीति में 40-45 साल से काम कर रहे हैं। उनके क्षेत्र के लोग जानते हैं कि वह कैसे नेता हैं, कैसा काम करते हैं। ऐसे विधायकों पर इल्जाम लगाना गलत है।

11 मई को जन संघर्ष पद यात्रा करेंगे सचिन पायलट…
जब-जब वसुंधरा राजे के काल में करप्शन की बात करता हूं, पेपर लीक आदि की बात करता हूं तो जवाब ही नहीं मिलता। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि 11 तारीख को अजमेर से एक यात्रा निकालूंगा। जनता के बीच जाकर जनता की आवाज सुनेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे। नौवजानों के मुद्दों को उठाकर जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी। सचिन पायलट का कहना है कि सही फैसले तब लिए जाएंगे, जब जनता का प्रेशर सरकार पर बनेगा।

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