लाभ का पद मामला: EC में अर्जी के बाद आप के 20 विधायक पहुंचे हाईकोर्ट

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग में अर्जी लगाकर क्रॉस एग्जामिनेशन की मांग की थी. विधायकों की इस एप्लीकेशन को आयोग ने खारिज कर दिया था. अब आम आदमी पार्टी के 20 विधायक ने चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है.

आयोग ने मंगलवार को लाभ के पद पर होने के कारण आप विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल और अन्य से क्रॉस एग्‍जामिनेशन की अर्जी को गैरजरूरी बताते हुए खारिज कर दिया था. आयोग अब दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशानुसार लाभ के पद की परिभाषा तय करने के मामले में 23 जुलाई से अंतिम दौर की सुनवाई शुरू करेगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत, चुनाव आयुक्तों सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने 70 पेज के आदेश में कहा था ‘इस मामले में याचिकाकर्ता से जिरह की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह इस मामले में जारी कार्यवाही का गवाह नहीं है. साथ ही प्रतिवादी अपनी अर्जी में दी गई दलील के मुताबिक इस मामले में किसी गवाह को पेश किए जाने की जरूरत साबित करने में भी नाकाम रहे हैं.’

इस आधार पर आयोग ने याचिकाकर्ता से जिरह की अनुमति देने की गत 16 मई को दायर की गई आप विधायकों की अर्जी को खारिज कर दिया. इसमें आप विधायकों ने पटेल के अलावा दिल्ली विधानसभा और दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों से अलग-अलग जिरह करने की अनुमति मांगी थी जिन्होंने विभिन्न दस्तावेजी सबूतों के आधार पर विधायकों पर बतौर संसदीय सचिव सरकारी खर्च पर काम करने और वित्तीय लाभ लेने के आरोप लगाए थे.

मामले में आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की आयोग पहले ही राष्ट्रपति से सिफारिश कर चुका है. निर्वाचन आयोग की सिफारिश को एकपक्षीय बताते हुए आप विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इस साल 23 मार्च को याचिका स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग से आप विधायकों का भी पक्ष सुनकर लाभ के पद की परिभाषा तय करने का आदेश दिया था.

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