मैं मां की तरह लोकसभा चलाने का प्रयास करती हूं: सुमित्रा महाजन

नयी दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह मातृभाव से सदन चलाने का प्रयास करती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापक लक्ष्मीबाई केलकर की जयंती पर एक कार्यक्रम में समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह मां सार्वजनिक रुप के बजाय बंद कमरे में अपने बच्चों को डांटती है, उसी तरह उनके काम में बेहतर संतुलन कायम करने की जरुरत होती है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठती हूं तो मैं सोचती हूं कि सभी दलों की अपनी राजनीति है। उनकी अपनी समस्याएं हैं और अपने नेता हैं जिन्होंने सांसदों को कुछ करने का निर्देश दिया होता है। मैं सदैव उन्हें समझने का प्रयास करती हूं।’महाजन ने कहा, ‘‘मेरा प्रयास सदैव सदन को सुचारु रुप से चलाना होता है। यदि वे उसके बाद भी नहीं समझते हैं तो तब मैं सदन स्थगित कर देती हूं, उन्हें अपने केबिन में बुलाती हूं और उन्हें समझाती हूं। मैं उन्हें सलाह भी दे सकती हूं। अतएव यह मेरे मातृत्व को दर्शाता है। मैं अपना गुस्सा नहीं दिखाती हूं। यह समाज में संतुलन बनाने का भी एक उदाहरण है।’’ उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होने वाला है। उसकी करीब 18 बैठकें होंगी। ।किसी का नाम लिये बगैर महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर प्रहार किया और कहा कि कई नेताओं को समिति के बारे में जानकारी नहीं है और वे गलत दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस समिति की सेविका हूं। लेकिन, चूंकि मैं लोकसभा अध्यक्ष हूं अतएव मैं किसी सार्वजनिक मंच पर कुछ नहीं कह सकती। मैं जानती हूं कि लक्ष्मीबाई केलकर ने संघ से ही प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की थी।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने संघ की इस महिला शाखा के बारे में जानकारी देते हुए गांधी को एक पत्र और समिति के इतिहास की एक पुस्तक भेजी है। राहुल गांधी ने पिछले साल दस अक्तूबर को गुजरात के वड़ोदरा में विद्यार्थियों की एक सभा में कहा था, ‘‘आरएसएस में कितनी महिलाएं हैं?….. क्या आपने कोई महिला शाखा में शोर्ट पहनी देखी है? मैंने नहीं देखी।’’

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