प्राइवेटाइजेशन को लेकर केंद्र पर भड़के राहुल गांधी, बोले- देश की 70 साल की पूंजी को बेच रही सरकार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘पिछले 70 सालों में इस देश ने जो कुछ बनाया है, वह दिया जा रहा है. उनके पास एक बहाना है कि हम इन्हें पट्टे (Lease) पर दे रहे हैं.’ सरकार ने स्पष्ट रूप से अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से संभाला और नहीं जानती कि क्या करना है. उन्होंने (सरकार) मूल रूप से यूपीए (UPA) द्वारा बनाई गई चीजों को नष्ट कर दिया है और अब अंतिम उपाय के रूप में, वे वह सब कुछ बेच रहे हैं जो हमने बनाने में मदद की थी. मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है.’

वहीं निजीकरण को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का कुछ मतलब था. हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया और हम रेलवे को रणनीतिक उद्योग मानते हैं क्योंकि यह लाखों और करोड़ों लोगों को परिवहन करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है.’ हमने लंबे समय से घाटे में चल रहे उद्योगों का निजीकरण किया. हमने उन कंपनियों का निजीकरण किया जिनकी बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम थी. हमने किसी विशेष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को रोकने की क्षमता वाले सरकारी उद्यमों का निजीकरण नहीं किया.’

इससे पहले इसको लेकर किया था तंज

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार (Narendra Modi Government) की नीतियों के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं. किसानों से जुड़े मुद्दे को उन्‍होंने ट्वीट किया है जिसमें परोक्ष रूप से पीएम मोदी पर तंज कसा गया है. अपने ट्वीट में राहुल ने लिखा, ‘जब मित्रों का कर्ज़ माफ़ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्‍यों नहीं? किसानों को कर्ज़-मुक्त करना मोदी सरकार की प्राथमिकता नहीं है. ये सरासर अन्याय है.’ इस ट्वीट के साथ उन्‍होंने एक अखबार की खबर अटैच की है जिसमें बताया गया है कि सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि कृषि कर्ज माफ करने की सरकार की कोई योजना नहीं है.

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