अलागिरी मर्डर करने वाला है तो स्टालिन भी साधु नहीं: सुब्रमण्यम स्वामी

नई दिल्ली: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख एम. करुणानिधि की मौत के बाद उनके बेटों अलागिरी और स्टालिन के बीच पार्टी की कमान संभालने की होड़ मच गई है. बड़े बेटे अलागिरी पार्टी से भले ही बाहर चल रहे हैं, लेकिन अपनी दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं. भाइयों के बीच डीएमके की कमान संभालने की मची होड़ के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी का बयान आया है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘बेटों में इर्ष्या होती है. एक अच्छा कर रहा है, दूसरे को जलन हो जाती है. अलागिरी जो है, वह तो काई राजनीतिक नहीं है, वो तो दादा है. जमीन हड़प करना, धमकाना, मर्डर करना यही उसका काम है.’

सुब्रमण्यम स्वामी ने आगे कहा, ‘स्टालिन भी कोई देवता नहीं है, साधु संत नहीं है. लेकिन संगठन (डीएमके) में उसकी बहुत पकड़ है. उन्होंने सारा जीवन अभी तक संगठन बनाने में दी. पिताजी (एम करुणानिधि) के साथ सारी बैठकें वही आयोजित करते थे, पार्टी उनके साथ ही रहेगी.’मालूम हो कि अलागिरी ने मरीना बीच पर सोमवार को अपने पिता की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और छोटे भाई और पार्टी के कार्यकारी अध्‍यक्ष स्टालिन को कोसा. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पिता की समाधि पर प्रार्थना की और अपनी शिकायतें सामने रखीं जिसे मीडिया फिलहाल नहीं जान पाएगा.

अलागिरी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब मंगलवार यानी 14 अगस्‍त को द्रमुक कार्यकारिणी समिति की बैठक करुणानिधि के निधन पर शोक प्रकट करने के लिए बुलाई गई है. माना जा रहा है कि इसी बैठक में स्टालिन के प्रोन्नयन पर पार्टी की महापरिषद द्वारा मुहर लगाने के लिए उसकी बैठक बुलाने का निर्णय लिया जा सकता है. जब अलागिरी से इस बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं द्रमुक में नहीं हूं. मुझसे इस बारे में मत पूछिए.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी में लौटेंगे तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मुझे नहीं मालूम.’’

अलागिरी ने स्टालिन पर आरोप लगाया कि वह पार्टी में उनके लौटने की राह में रोड़े अटका रहे हैं और पार्टी के पदों को बेच रहे हैं. इसके साथ ही एम के अलागिरी ने दावा किया कि पार्टी के सभी वफादार कार्यकर्ता उनके साथ हैं और यदि द्रमुक ने उन्हें वापस नहीं लिया तो वह ‘‘अपनी ही कब्र खोदेगी.’’पाकिस्तान में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को निमंत्रण मिला है. सिद्ध ने कहा है कि सरकार इजाजत देगी तो वे समारोह में शामिल होने जाएंगे. इस मसले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता वो (नवजोत सिद्धू शातिर दिमाग के हैं. थोड़ा भी संतुलन दिमाग में है तो पाकिस्तान नहीं जाएंगे. ये उनके राजनीतिक करियर में बड़ा नुकसान होगा. इसको लोग गद्दारी समझेंगे, कोई माफ नहीं करेगा.)’

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