रिश्तों को बढ़ाने के लिए सीमा पर शांति कायम रहना जरूरी: भारत ने चीन से कहा

नई दिल्ली: भारत- चीन संबंधों को बढ़ाने के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम रहना एक अहम शर्त है. नई दिल्ली ने भारत- चीन सीमा मामलों पर एक बैठक में गुरुवार (22 मार्च) को यह विचार प्रकट किया. भारत- चीन सीमा मामलों के लिए परामर्श एवं समन्वय पर कार्यकारी तंत्र की यहां 11 वें दौर की वार्ता के बाद जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि सीमा पर तैनात कर्मियों के बीच परस्पर हित और सहमति के स्तर को और अधिक बढ़ाने को लक्षित विश्ववास बहाली के कदमों पर चर्चा हुई.

मंत्रालय ने कहा कि चर्चा दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन बेहतर करने के तरीकों पर विचारों का आदान प्रदान किया. ‘हमने इस बात का जिक्र किया कि भारत- चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम शर्त है.’ दोनों देश तंत्र की अगली बैठक एक परस्पर सहमति वाले समय पर करने को भी राजी हुए.

वहीं दूसरी ओर चीन ने पाकिस्तान को अत्यधिक संवेदनशील ट्रैकिंग प्रणाली बेची है, जिससे इस्लामाबाद की मिसाइल क्षमता में बढ़ोतरी हो सकती है. दक्षिण चीन मॉर्निग पोस्ट के अनुसार, एक चीनी थिंक टैंक ने कहा कि चीन पाकिस्तान को इस तरह की प्रौद्योगिकी देने वाला पहला देश है. चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है. शिचुआन प्रांत के चेंगदू में चाइना एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) इंट्स्टीट्यूट ऑफ ऑपटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के शोधकर्ता झेंग मेंगवी ने कहा, “पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में अपने नए मिसाइलों के परीक्षण और विकास के लिए एक चीन निर्मित प्रणाली को ‘फायरिंग रेंज’ पर तैनात किया है.”

सीएएस की ओर से जारी बयान के अनुसार, चीनी टीम को पाकिस्तान में इस ट्रैकिंग प्रणाली को असेंबलिंग व जांच करने और इसे प्रयोग करने के लिए तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के दौरान काफी इज्जत दी गई. बयान के अनुसार, प्रणाली का प्रदर्शन प्रयोगकर्ताओं के उम्मीद से काफी बेहतर था. इसके लिए इस्लामाबाद की ओर से दी गई धनराशि के बारे में अभी बताया नहीं गया है.

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