अपने वादे निभाने के लिए मोदी सरकार को और पांच साल के वक्त की जरूरत: सुब्रमण्यम स्वामी

मुंबई (महाराष्ट्रा): भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अपने वादे पूरे करने के लिए पांच साल का एक और कार्यकाल दिए जाने की जरूरत है। हालांकि, स्वामी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘‘अच्छी स्थिति’’ में नहीं है, क्योंकि वह वित्त मंत्री के पद पर नहीं हैं। यहां विराट हिंदुस्तान संगम द्वारा ‘‘भारत का भव्य विमर्श ’’ शीर्षक से आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामी ने यह टिप्पणी की। राज्यसभा सदस्य स्वामी ने कहा, ‘‘आर्थिक विकास से वोट नहीं मिलने वाले। (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी जी ने अपनी सरकार के प्रचार के लिए ‘इंडिया शाइनिंग’ नारे का इस्तेमाल किया लेकिन वह नाकाम रहे। भाजपा ने अपनी आस्था (हिंदुत्व) और भ्रष्टाचार मुक्त माहौल पर जोर दिया। इसीलिए उसे 2014 में इतनी ज्यादा सीटें मिलीं।’’

स्वामी ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी ने मतदाताओं से किए गए वादे निभाने शुरू कर दिए हैं तथा उसे अपना काम पूरा करने के लिए और पांच साल का वक्त देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि हमने 2014 में जो वादे किए थे, उन्हें हमने पूरा कर दिया है, लेकिन हमने उनका मान रखना शुरू कर दिया है। हमने जो चीजें शुरू की हैं, उन्हें पूरा करने के लिए हमें और पांच साल के वक्त की जरूरत है।’’ आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले विवादित टिप्पणी करते हुए स्वामी ने कहा कि कुछ नौकरशाह सरकार के अच्छे कामों में ‘‘ पलीता लगा रहे हैं।’’ स्वामी ने कहा , ‘‘पहली बार हम इतने सारे भ्रष्ट लोगों पर मुकदमा चलवा रहे हैं। भले ही उन्हें अब तक सजा नहीं हुई हो। हमारे यहां की व्यवस्था में 70 साल तक कुछ बदला ही नहीं, जिसके कारण आज हम अपनी सरकार में कुछ ऐसे नौकरशाहों को देखते हैं जो हमारे काम में पलीता लगा रहे हैं।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मैंने कुछ नामों का खुलासा करने का वादा किया था, लेकिन चूंकि संसद सत्र आ रहा है तो मैं कांग्रेस को कोई मौका नहीं दूंगा कि वह मेरे बयान को मेरी ही सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करे।’’ स्वामी ने कहा कि संसद सत्र के बाद वह यहां एक जनसभा में नामों का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन तब तक हो सकता है कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी उन्हें हटा दें, इसलिए मुझे वे नाम नहीं बताने होंगे।’’ कांग्रेस को ‘‘बेल गाड़ी’’ जैसा बताने की मोदी की हालिया टिप्पणी पर स्वामी ने कहा कि ‘‘बेल गाड़ी’’ अब ‘‘तिहाड़ विहार’’ करने जा रही है। विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि ‘विकीलीक्स’ के मुताबिक 2006 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिकी दूतावास गए थे और वहां अधिकारियों से कथित तौर पर कहा था कि उनकी पार्टी का निष्कर्ष है कि ‘‘हिंदू आतंक’’ लश्कर-ए-तैयबा से भी ज्यादा खतरनाक है।

स्वामी ने कहा, ‘‘और उन्होंने समझौता एक्सप्रेस (धमाके) में पलटी मार ली। जब धमाका हुआ तो मनमोहन सिंह सरकार ने अमेरिका को पत्र लिखकर कहा कि ऐसा लगता है कि इसे लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका अपने स्तर से जानकारी इकट्ठा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र गया और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया।’’ स्वामी ने कहा, ‘‘और मुंबई में 26/11 हमले के बाद चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री बन गए। उन्होंने नई प्राथमिकी लिखवाई। (समझौता एक्सप्रेस धमाके के मामले में) हमारे यहां एक ही वक्त में दो प्राथमिकियां थीं।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘एक प्राथमिकी में कहा गया कि लश्कर-ए-तैयबा ने इसे अंजाम दिया और दूसरी प्राथमिकी के आधार पर सेना के अधिकारी (कर्नल प्रसाद) पुरोहित, जिसे इस्लामी आतंकवादियों पर दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, को उठा लिया गया, यातना दी गई और नौ साल तक जेल में रखा गया, क्योंकि वे साबित करना चाहते थे कि हिंदू आतंकवादी होता है।’’

चिदंबरम पर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि वह वरिष्ठ कांग्रेस नेता को सिखा रहे हैं कि ‘‘असली हिंदू आतंक ’’ क्या होता है। स्वामी ने कहा, ‘‘अब बेशक मैं चिदंबरम को सिखा रहा हूं कि असल हिंदू आतंक क्या होता है। निश्चित तौर पर मैं क्रूर नहीं बनूंगा , इसलिए मैं उनकी पत्नी, उनके बेटे और बहू को (जेल) भेजूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी के लिए भी क्रूर नहीं बनूंगा। मैं कइयों को जेल भेजूंगा ताकि उनकी कार्य समिति की अगली बैठक तिहाड़ जेल में हो सके।’’ देश की आर्थिक स्थिति पर अर्थशास्त्री एवं सांख्यिकीविद स्वामी ने कहा , ‘‘ अर्थव्यवस्था निश्चित तौर पर बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है, क्योंकि मैं वित्त मंत्री नहीं हूं।’’ कई तरह के उप – कर (सेस) खत्म करने की वकालत करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि सिर्फ एक उप – कर की जरूरत है और लोग जिसके लिए खुशी-खुशी भुगतान करेंगे , वह गौशालाओं के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि लोग ऐसे उप-कर का भुगतान खुशी-खुशी करेंगे।’

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