Home » ICICI बैंक मामलाः FIR पर साइन करने वाले CBI अधिकारी का ट्रांसफर, जेटली ने उठाए थे सवाल

ICICI बैंक मामलाः FIR पर साइन करने वाले CBI अधिकारी का ट्रांसफर, जेटली ने उठाए थे सवाल

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ षडयंत्र का केस दर्ज करने वाले सीबीआई अधिकारी का तबादला कर दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एसपी सुधांशु धर मिश्रा सीबीआई के बैंकिंग फ्रॉड और सिक्योरिटी फ्रॉड सेल के अधिकारी थे. उन्होंने 22 जनवरी 2019 को चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर पर हस्ताक्षर किए थे. उनका तबादला सीबीआई की इकोनॉमिक ऑफेन्स की रांची ब्रांच में कर दिया गया है.

विश्वजीत दास को बैंकिंग और सिक्योरिटी फ्रॉड सेल का एसपी बनाया गया

सुधांशु धर मिश्रा की जगह कोलकाता के इकोनॉमिक ऑफेन्स ब्रांच में तैनात एसपी विश्वजीत दास को बैंकिंग और सिक्योरिटी फ्रॉड सेल का एसपी बनाया गया है. बीते शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चंदा कोचर मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निशाने पर लिया था. उन्होंने सीबीआई को दुस्साहस से बचने तथा सिर्फ दोषियों पर ध्यान देने की नसीहत दी थी. जेटली ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की थी जब एक ही दिन पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में बैंकिंग क्षेत्र के के वी कामत तथा अन्य को पूछताछ के लिए नामजद किया था.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जेटली की टिप्पणी को रीट्विट किया था

बीते शुक्रवार को ही वित्तमंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जेटली की टिप्पणी को रीट्विट किया था. सरकारी सूत्रों का कहना है कि जेटली की टिप्पणी बड़ों की सलाह है और इसे एजेंसी में किसी भी मध्यस्थता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. वहीं बीते शनिवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘जेटली ने वैध तर्क दिया है. आप किसी भी सबूत के बिना अनुमानों के आधार पर किसी पर इतना बड़ा आरोप नहीं लगा सकते हैं. आप कैसे बिना किसी सबूत के टॉप बोर्ड सदस्यों का नाम ले सकते है? इससे सभी निर्णय लेने में बाधा आएगी.

जेटली की टिप्पणी की एजेंसी को फटकार और धमकी की तरह है

एक अधिकारी ने कहा, यह सीबीआई का निर्णय है. सरकार का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है. फिर भी हमें लगातार निशाने पर लिया जा रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि जेटली ने सीबीआई पर दबाव बनाकर इस मामले पर धीमी चाल चलने को कहा है. राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि जेटली की टिप्पणी की एजेंसी को फटकार और धमकी की तरह है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, उनका बयान असाधारण है. यह सीबीआई को धीमी चाल चलने के लिए कहने का स्पष्ट संकेत यह दोहरे मानकों की भी दिखाता है जो निश्चित तौर पर उनके लिए नया नहीं है.

पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में आधारभूत अंतर है

उन्होंने वोडाफोन मामले को लेकर आतंकवाद कहा था और केयर्न के ममाले में भी उन्होंने ऐसा सही किया. बता दें कि अमेरिका में स्वास्थ्य लाभ ले रहे अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा था, पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में आधारभूत अंतर है. हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? यदि हम बैंकिंग उद्योग से हर किसी को बिना सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या वास्तव में नुकसान उठा रहे हैं.

ई-पत्रिका

मनोरंजन

धर्म