1 फरवरी से लागू होगा 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण, इनको मिलेगा फायदा

नई दिल्ली। सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 1 फरवरी से केंद्र सरकार की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग ने एक कार्यालय ज्ञाप में इस संबंध में नियमों की जानकारी दी है। साथ ही इसके लिए जरूरी नियमों का भी उल्लेख किया है। 19 जनवरी को जारी कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि सामान्य वर्ग के वे लोग जिन्होंने अब तक किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं लिया है और जिनके परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये से कम है वह सभी इस नई आरक्षण व्यवस्था के तहत पात्र होंगे।

परिवार के रूप में इन्हें माना जाएगा हिस्सा
कार्मिक विभाग के आदेशानुसार, आरक्षण के लिए आवेदन करने वाले के साथ उसके माता-पिता, 18 साल से कम उम्र के भाई-बहन, पत्नी और नाबालिग बच्चों को परिवार की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अलावा आरक्षण की अहर्ता की जांच के दौरान परिवार की सभी स्रोतों से कुल आय की जांच की जाएगी। इस दौरान खेती, नौकरी, व्यापार एवं अन्य मदों से परिवार की कुल आय को जोड़ा जाएगा और अगर यह 8 लाख रुपये से कम हो तो ही आवेदक को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
आपको बता दें कि हाल ही में खत्म हुए संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक को मंजूर पास कराया गया था। राष्ट्रपति के भी इस संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी। उसके बाद अब केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से यह बड़ा कदम माना जा रहा है। एससी-एसटी एक्ट के कुछ प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने संशोधन विधेयक लाकर पुराने प्रावधान बहाल कर दिए थे। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से सवर्ण काफी नाराज थे, जिसका फल हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी को भुगतना पड़ा। उसी डैमेज कंट्रोल के लिए केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है।

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