देश में कोरोना के बढ़ते मामले तीसरी लहर को दस्तक देते नजर आ रहे हैं. वहीं इसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने कोरोना के खतरे को कई गुना ज्यादा बढ़ा दिया है जिससे सरकार काफी चिंता में हैं. सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों ने निपटने के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है. इसी कड़ी में एक और बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए विदेशों से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीययात्रियों के लिए 7 दिन का होम आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया है. यानी किसी भी अंतरराष्ट्री यात्री अगर भारत आता है तो सबसे पहले उसे 7 दिन के होम आइसोलेशन में रहना होगा.जानकारी के मुताबिक 7 दिन होम आइसोलेशन में रहने के बाद 8वें दिन इन लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट किया जाएगा. सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर 11 जनवरी से लेकर अगले आदेश तक लागू रहेगी.दरअसल कोरोना के जितने मामले सामने आ रहे हैं उनमें ज्यादातर ऐसे हैं जो हाल ही में विदेश की यात्रा कर लौटे हैं. ऐसे में कोरोना के मामलों पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार की ओर से ये फैसला लिया गया है. जारी आदेश के मुताबिक भारत की यात्रा करने की योजना बना रहे सभी लोगों को पहले ऑनलाइन एयर सुविधा पोर्टल पर सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म में पूरी और तथ्यात्मक जानकारी देनी होगी.
आरोग्य सेतू ऐप भी डाउनलोड करके रखना अनिवार्य
वहीं यात्रा शुरू करने से 72 घंटे के अंदर एक कोरोना नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी अपलोड करनी होगी. इसके अलावा भारत आने पर जिन लोगों को टेस्ट की जरूरत हैं, पोर्टल पर टेस्ट की ऑनलाइन प्री बुकिंग भी करनी होगी.
जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को भारत आने पर टेस्ट कराना होगा और टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कड़े आइसोलेशन प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. वहीं एयरलाइंस की तरफ से यात्रियों को क्या करें और क्या ना करें नियमों का एक सेट भी उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं यात्रियों को आरोग्य सेतू ऐप भी डाउनलोड करके रखना जरूरी है.
देश में कोरोना के आंकड़े
देश में कोरोना के हर रोज डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. 24 घंटों के अंदर 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही 300 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है. वहीं 24 घंटों में 30 हजार से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर भी चले गए हैं.बता दें कि इससे पहले 6 जून को देश में कोरोना के मामले एक लाख से ज्यादा आए थे. 6 जून 2021 को कोरोना के कुल 1 लाख 636 मामले सामने आए थे.