सबरीमाला विवादः 3 मलेशियाई समेत 10 महिलाओं ने मंदिर में किया प्रवेश, पुलिस हैरान

केरल पुलिस की विशेष शाखा द्वारा बीते शनिवार को शूट किए गए वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि सबरीमाला में तमिल मूल की 3 मलेशियाई महिलाएं 01 जनवरी को पहुंची थीं. केरल पुलिस के अनुसार इसके ठीक एक दिन बाद ही बिंदू अम्मिनी और कनकदुर्गा ने पहाड़ी के शीर्ष मंदिर में प्रार्थना की और औपचारिक रूप से वह पहली महिलाएं घोषित हुईं जो मंदिर तक पहुंच सकीं. सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर 2018 के फैसले के बाद 50 से कम उम्र की इन महिलाओं ने अयप्पा के दर्शन किए.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पुलिस ने दावा किया है कि 1 जनवरी से सबरीमाला मंदिर तक पहुंचने वाली 50 से कम उम्र की चार महिलाओं की रिपोर्ट सामने आ चुकी है और इनकी कुल संख्या 10 है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने इन सभी महिलाओं का विवरण एकत्र किया है. यदि आवश्यकता होती है तो इसे कोर्ट में पेश किया जा सकता है. हालांकि मलेशियाई महिलाओं के दौरे की पुष्टि करने वाले पुलिस सूत्रों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उन्होंने सबरीमाला में दर्शन किए. तीनों महिलाएं, जिनकी पहचान, नाम और उम्र का पूरा ब्यौरा पुलिस के पास है, मलेशिया में तमिल समुदाय से संबंधित 25 तीर्थयात्रियों की एक टीम का हिस्सा थीं.

तमिल मूल की 3 मलेशियाई महिलाओं ने सबरीमाला का दौरा किया

बता दें कि एक महिला श्रद्धालु बीते गुरुवार को सबरीमाला में दर्शन प्राप्त करने के लिए सन्नीधाम में तैनात रायट पुलिस के गियर्स और उपकरणों से गुजरी है. शीर्ष पुलिस सूत्रों के अनुसार तमिल मूल की तीन मलेशियाई महिलाओं ने 1 जनवरी को सबरीमाला का दौरा किया. हालांकि वीडियो में वह दृश्य पंबा के है जब वह दर्शन के बाद वापस लौट रही थीं. मोबाइल फोन के कैमरे पर शूट किए गए 14 सेकेंड के वीडियो में तीनों महिलाओं का चेहरा शॉल से ढका हुआ दिखाया गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार मलेशियाई समूह ने 1 जनवरी को सुबह मंदिर का दौरा किया और लगभग 10 बजे पंबा लौटे.

2 जनवरी की सुबह, बिंदू और कनकदुर्गा ने मंदिर का दौरा किया और उनके मंदिर में प्रवेश करने का दृश्य वायरल हो गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- मलेशियाई महिलाओं को कहीं भी नहीं रोका गया था. बिंदू, कनकदुर्गा और अगले दिन एक श्रीलंकाई महिला द्वारा यात्रा का वीडियो फुटेज भी सामने आया लेकिन मलेशिया की इन महिलाओं के मामले में ऐसा नहीं है. सबरीमाला में महिलाओं के लिए समान अधिकारों की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 50 साल से कम उम्र की लगभग 4200 महिलाओं ने ऑनलाइन दर्शन के लिए बुकिंग की थी लेकिन महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद आधे से ज्यादा महिलाओं ने अपने कदम पीछे हटा लिए थे.

देवस्वम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने स्वीकार किया कि अधिक से अधिक महिलाएं सबरीमाला मंदिर का दौरा कर सकती हैं. सात और युवतियों की खबरों के जवाब में, आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई तीन महिला के अलावा अन्य ने मंदिर का दौरा किया, उन्होंने कहा कि यह सच हो सकता है क्योंकि केवल वह दौरे मीडिया के ध्यान में आए हैं जो सार्वजनिक हो गए हैं.

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