मॉब लिंचिंग: PM को पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ FIR, राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

वायनाड (केरल)। भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाले जाने की घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार के खिलाफ कुछ भी कहने वालों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है। गांधी ने कहा कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है और यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। वायनाड से सांसद गांधी ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि देश में क्या हो रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है, बल्कि पूरा देश यह जानता है। हम तानाशाही की ओर बढ़ रहे है। यह बात काफी हद तक स्पष्ट है।’’

राहुल गांधी बांदीपुर बाघ अभयारण्य से होकर गुजरने वाले राजमार्ग पर रात में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रहे लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ कहता है, जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे जेल भेज दिया जाता है और उस पर हमला किया जाता है। मीडिया को दबा दिया गया है। हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है।’’ भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान लेने के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ यहां गुरूवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराएं हैं। इनमें से एक विचारधारा इस बात का समर्थन करती है कि ‘‘एक व्यक्ति, एक विचारधारा’’ से देश का शासन चले। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ यह विचार है कि एक व्यक्ति, एक विचारधारा से देश का शासन चलना चाहिए और बाकी सभी को मुंह बंद रखना चाहिए। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष है जो इसे मानने से इनकार कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि इस देश में विभिन्न विचार, विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियां एवं कई प्रकार के विचार हैं और उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। देश में यह मुख्य संघर्ष चल रहा है।’’

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