बच्चों पर असर डाल सकती है कोरोना की तीसरी लहर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

नई दिल्ली। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा है और अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी आशंका हो रही है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई है और सरकार से उसके लिए तैयारी करने के लिए कहा है। गुरुवार को दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर सामने दिख रही है और इसका असर हमारे बच्चों पर भी पड़ सकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि तीसरी लहर से पहले वैक्सीनेशन के मौजूदा अभियान को तेजी से पूरा करने की जरूरत है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि देश कोरोना की तीसरी लहर में प्रवेश कर सकता है और उसको लेकर अगह हम आज तैयारी करेंगे तो उससे लड़ पाएंगे।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मौजूदा समय में देश के अंदर लगभग 1.5 लाख डॉक्टर ऐसे हैं जो कोर्स पूरा कर चुके हैं लेकिन NEET परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं, इसी तरह लगभग 2.5 लाख नर्स हैं जो परीक्षा पास करके घर पर बैठे हुए हैं, ये सब लोग तीसरी लहर में कारगर साबित हो सकते हैं, उन्होंने सरकार से पूछा कि इनका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा असर युवाओं पर पड़ा है, पहली लहर में ज्यादा उम्रदराज वाले लोग प्रभावित हुए थे। अब कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं जो कह रही हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा पड़ सकता है। कई देशों में युवा दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। कनाडा में तो 12-15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी गई है।

इस बीच देश में कोरोना की दूसरी लहर ही आउट ऑफ कंट्रोल नजर आ रही है। रोजाना रिकॉर्ड संख्या में नए कोरोना मामले सामने आ रहे हैं और रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 4.12 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 3980 लोगों की जान गई है।

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