प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कमल पुष्प’ के जरिए पुराने कार्यकर्ताओं का किया सम्मान

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के आशीर्वाद से कई राज्यों और केंद्र में सेवा करने का अवसर मिलने की बात कहते हुए इसका श्रेय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकतार्ओं की कई पीढ़ियों की निस्वार्थ सेवा और और बलिदान को दिया है। जनसंघ के दौर से लेकर भाजपा के दौर तक तक संगठन के विस्तार, आपातकाल के खिलाफ संघर्ष, मंदिर आंदोलन के जरिए सांस्कृतिक गौरव की रक्षा जैसे अभियानों में कार्यकतार्ओं को रीढ़ की हड्डी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको ‘कमल पुष्प’ के जरिए याद किया और लोगों को इनकी निस्वार्थ सेवा के बारे में भी बताया। पीएम मोदी ने लोगों से भी इस अभियान में बढ-चढ़कर भाग लेने की अपील की है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कई ट्वीट कर देशवासियों को इस अभियान की जानकारी देते हुए लिखा, “लोगों के आशीर्वाद से, भाजपा को कई राज्यों और केंद्र में सेवा करने का अवसर मिला है। लोगों के इस भरोसे के पीछे एक प्रमुख कारण कार्यकतार्ओं की पीढ़ियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका है, जिन्होंने पार्टी और राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।”

‘कमल पुष्प’ के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा ,”नमो ऐप में ‘कमल पुष्प’ के नाम से जाना जाने वाला एक बहुत ही दिलचस्प सेक्शन है जो आपको जनसंघ के दिनों से लेकर वर्तमान तक पार्टी के प्रेरक कार्यकतार्ओं के बारे में जानकारी साझा करने और जानने का अवसर देता है। इन्होंने हमारी विचारधारा को लोकप्रिय बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। इस सेक्शन में योगदान दें और समृद्ध करें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वंय इस एप पर मंगलवार को उत्तराखंड से जुड़े स्वतंत्रता सेनानी और जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित देवेन्द्र शास्त्री और 1951 से लेकर 1999 तक सक्रिय रहने वाले कर्नाटक के एस मल्लिकाजुर्नैयाह के संघर्ष और सेवा की कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इन्हे याद किया। नमो ऐप के इस ‘कमल पुष्प’ सेक्शन में संगठन के अन्य कई पुराने कार्यकतार्ओं के जीवन संघर्ष के बारे में भी जानकारी दी गई है, आने वाले दिनों में इसका और ज्यादा विस्तार भी होना है।

आपको बता दें , भाजपा अपने पुराने कार्यकतार्ओं के सम्मान का देशव्यापी अभियान भी चला रही है। पार्टी के सभी नेताओं को यह कहा गया है कि वो अपने-अपने क्षेत्रों के पुराने कार्यकतार्ओं से मुलाकात कर उनका सम्मान करे और उके साथ विचार-विमर्श भी करे।

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