पीएम मोदी ने ठोकी 2019 चुनाव में जीत की ताल, कहा- विजय के साथ अब मई में करेंगे ‘मन की बात’

नई दिल्ली: पीएम मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 53वें संस्करण को संबोधित किया। साल 2019 में पीएम मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम दूसरी बार हो रहा है। इससे पहले 27 जनवरी को पीएम मोदी ने साल 2019 के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए जनता से संवाद किया था। बता दें कि पीएम मोदी महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों से जुड़ते हैं।

‘मन की बात’ में पीएम मोदी की बातें-

– मैं लोकसभा चुनाव 2019 के बाद एक नए विश्वास के साथ आपके आशीर्वाद की ताकत के साथ फिर एक बार मन की बात के माध्यम से हमारी बातचीत के सिलसिले का आरम्भ करूंगा और सालों तक आपसे मन की बात करता रहूंगा। फिर एक बार आप सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं: पीएम मोदी

– कई बार तो आप सब से बात करते, आपकी चिठ्ठियाँ पढ़ते या आपके फोन पर भेजे गए विचार सुनते मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने मुझे अपने परिवार का ही हिस्सा मान लिया है। यह मेरे लिए एक बहुत ही सुखद अनुभूति रही है: पीएम मोदी

– मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से आप सब से जुड़ना मेरे लिए एक अनोखा अनुभव रहा है। #रेडियो के माध्यम से मैं एक तरह से करोड़ों परिवारों से हर महीने रूबरू होता हूं: पीएम मोदी

– उनमें से एक प्रज्ञाचक्षु नौजवान से जब मैं बात कर रहा था तो उसने कहा मैं तो स्टेज आर्टिस्ट हूं। मैं मनोरंजन के कार्यक्रमों में मिमिक्री करता हूँ,। तो मैंने उनसे कहा ज़रा कर के दिखाइये और मेरे लिए बड़ा सुखद आश्चर्य था: पीएम मोदी

– कुछ दिन पहले मैं काशी गया था ।वहाँ मुझे दिव्यांग भाई-बहनों के साथ समय बिताने का मौका मिला। उनसे कई विषयों पर चर्चा हुई और उनका आत्मविश्वास वाकई प्रभावित करने वाला था- प्रेरक था: पीएम मोदी

– भारत की बात हो और त्यौहार की बात न हो। ऐसा हो ही नहीं सकता। कुछ दिन बाद महा शिवरात्रि का पर्व आने वाला है और इस बार तो शिवरात्रि सोमवार को है। इस शिवरात्रि के पावन पर्व पर मेरी आप सब को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं: पीएम मोदी

– सभी विद्यार्थी, उनके शिक्षक, माता-पिता, यू ट्यूब पर इस परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम की रिकोर्डिंग देख सकते हैं। आने वाली परीक्षा के लिए मेरे सभी एग्जाम वॉरियर को ढ़ेरो शुभकामनाएं: पीएम मोदी

– कुछ दिन पहले परीक्षा पर चर्चा का आयोजन हुआ। मुझे तकनीक के माध्यम से, देश-विदेश के स्टूडेंट्स साथ, अभिभावकों, टीचर्स के साथ, बात करने का अवसर मिला। परीक्षा पर चर्चा इसकी एक विशेषता यह रही कि परीक्षा से जुड़ें कई विषयों पर बातचीत हुई: पीएम मोदी

– स्कूलों में परीक्षा का समय शुरू होने ही वाला है। देशभर में अलग-अलग शिक्षा बोर्ड कुछ हफ़्तों में 10वीं, 12वीं कक्षा बोर्ड के इम्तिहान के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे। परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों, अभिभावकों और सभी टीचर्स को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं: पीएम मोदी

– पिछले 5 महीनों में लगभग 12 लाख ग़रीब परिवार इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। आप यदि किसी भी ऐसे ग़रीब व्यक्ति को जानते है जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहा हो, तो उसे PMJAY योजना के बारे में अवश्य बताइएं। यह योजना हर ऐसे ग़रीब व्यक्ति के लिए ही है: पीएम मोदी

– – इस वर्ष जो पद्म पुरस्कार दिए गए उसमें 12 किसानों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। आमतौर पर कृषि जगत से जुड़े हुए कम लोग और प्रत्यक्ष किसानी करने वाले बहुत ही कम लोग पद्मश्री की सूची में आये हैं। ये अपने आप में, ये बदलते हुए हिन्दुस्तान की जीती-जागती तस्वीर है: पीएम मोदी

– पद्म पुरस्कार पाने वाले ये हैं- दैतारी नायक, अब्दुल गफूर खत्री, मदुरै चिन्ना पिल्लई, Tao Porchon-Lynch, जमुना टुडू, मुक्ताबेन पंकजकुमार दगली, चक्षु महिला सेवाकुन्ज, राजकुमारी देवी: पीएम मोदी

– मेरे प्यारे देशवासियो, हर साल की तरह इस बार भी पद्म पुरस्कार को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता थी आज हम एक न्यू इंडिया की ओर अग्रसर हैं। इसमें हम उन लोगों का सम्मान करना चाहते हैं जो जमीनी स्तर पर अपना काम निष्काम भाव से कर रहे हैं: पीएम मोदी

– भारतीय लोकतंत्र के महात्म्य को बनाए रखने में उनके अमूल्य योगदान को, आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी। एक बार फिर ऐसे महान नेता को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ: पीएम मोदी

– 42वें  संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया कि संविधान के अनुछेद 20, 21 के तहत मिले मौलिक-अधिकारों का आपातकाल के दौरान हनन नहीं किया जा सकता है। पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई कि मंत्रिमंडल की लिखित अनुशंसा पर ही राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा करेंगे: पीएम मोदी

– 1977 में जब जनता पार्टी चुनाव जीती तो मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान ही 44वाँ संविधान संशोधन लाया गया । यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आपातकाल के दौरान जो 42वाँ संशोधन लाया गया था: पीएम मोदी

– मोरारजी देसाई ने उस कठिन समय में भारत का कुशल नेतृत्व किया, जब देश के लोकतान्त्रिक ताने-बाने को खतरा था। इसके लिए हमारी आने वाली पीढ़ियां भी उनकी आभारी रहेंगी। मोरारजी देसाई ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के खिलाफ आन्दोलन में खुद को झोंक दिया: पीएम मोदी

– मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था। सहज, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी, मोरारजी भाई देश के सबसे अनुशासित नेताओं में से थे: पीएम मोदी

– जमशेद जी टाटा ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए हैं। वे जानते थे कि भारत को साइंस, टेक, इंड्रस्ट्री का हब बनाना भविष्य के लिए आवश्यक है। ये उनका ही विजन था जिससे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना हुई, Tata Steel जैसे कई विश्वस्तरीय संस्थान, उद्योगों की स्थापना हुआ: पीएम मोदी

– भगवान ‘बिरसामुंडा’ ने अंग्रेजों से ना केवल राजनीतिक आज़ादी के लिए संघर्ष किया बल्कि आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी: पीएम मोदी

– मन की बात में ‘बिरसामुंडा’ और ‘जमशेद जी टाटा’ को श्रद्धांजलि  देने का एक प्रकार से झारखण्ड के गौरवशाली इतिहास और विरासत को नमन करने जैसा है। आज, अगर हमारे नौजवानों को मार्गदर्शन के लिए किसी प्रेरणादाई व्यक्तित्व की जरुरत है तो वह है भगवान बिरसामुंडा: पीएम मोदी

– मन की बात के लिए आपके हजारों पत्र और कमेंट, मुझे पढ़ने को मिलते हैं। इस बार आतिश मुखोपाध्याय ने लिखा, वर्ष 1900 में 3 मार्च को, अंग्रेजों ने बिरसामुंडा को गिरफ्तार किया था ये संयोग ही है कि 3 मार्च को ही जमशेद जी टाटा की जयंती भी है: पीएम मोदी

– मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देखने जरुर जायेंगे। आप जब भी जाएं वहां ली गयी अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें ताकि दूसरें लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों: पीएम मोदी

– अक्टूबर 2018 में मुझे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था। वह भी हमारे उस विचार का प्रतिबिम्ब था जिसके तहत हम मानते हैं कि देश को उन पुरुष, महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो अनवरत हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं: पीएम मोदी

– राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाइन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का कॉन्सेप्ट, फोर कॉन्सन्ट्रिक सर्किल यानी चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र: पीएम मोदी

– मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है:  पीएम मोदी

– मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी के इतने लम्बे समय तक, हम सबको, जिस वॉर मेमोरियल का इन्तजार था। मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए: पीएम मोदी

– शहीदों के हर परिवार की कहानी, प्रेरणा से भरी हुई हैं । मैं युवा-पीढ़ी से अनुरोध करूँगा कि वो, इन परिवारों ने जो जज़्बा दिखाया है, जो भावना दिखायी है उसको जानें, समझने का प्रयास करें: पीएम मोदी

– वीर सैनिकों की शहादत के बाद, मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों की जो प्रेरणादाई बातें सामने आई हैं उसने पूरे देश के हौंसले को और बल दिया है: पीएम मोदी

– देश के सामने आई इस चुनौती का सामना, हम सबको जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और बाकि सभी मतभेदों को भुलाकर करना है ताकि आतंक के खिलाफ़ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़ हों, सशक्त हों और निर्णायक हों: पीएम मोदी

– भारत-माता की रक्षा में, अपने प्राण न्योछावर करने वाले, देश के सभी वीर सपूतों को, मैं नमन करता हूँ। यह शहादत, आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरन्तर प्रेरित करेगी, हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी: PM मोदी

– पुलवामा आतंकी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद लोगों के मन में आक्रोश है, इस हिंसा के विरोध में जो आवेग आपके और मेरे मन में है, वही भाव हर देशवासी के अंतर्मन में है, भारत-माता की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को नमन करता हूं: पीएम मोदी

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